अजय भट्टाचार्य
लोकतंत्र में जनता को सर्वोच्च भले माना जाता हो, चुनाव के बाद जनता की हालत गुलाम जैसी ही हो जाती है। विदेश यात्रा से लौटते ही बारामती में एक पेट्रोल पंप के उद्घाटन के मौके पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने जनता से साफ कहा कि आपने मुझे वोट दिया तो इसका मतलब यह नहीं की मैं आपका नौकर हूं। संयोग से उस समय जनता की शिकायतें सुनते हुए वे अधिकारियों को काम शुरू करने के निर्देश दे रहे थे। तभी एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि कई काम नहीं हुए। इस बयान के बाद कुछ अन्य नागरिकों ने भी यही बात कही। इसके बाद दादा नाराज हो गए और बोले, ‘अरे आपने मुझे वोट दिया तो इसका मतलब यह नहीं आप मेरे मालिक हो गए हो।‘ उस कार्यकर्ता पर अपना गुस्सा ऐसे शब्दों में जाहिर कर दादा ने लोकतंत्र का अर्थ समझाने की कोशिश की है।
चाची-भतीजे में शीतयुद्ध
तृणमूल कांग्रेस में कई महीनों से एक विवाद सतह के नीचे सुलग रहा है, जिसे ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक के सहयोगी पार्टी नेताओं के बीच मतभेद के रूप में पेश किया जा रहा है। इन मतभेदों का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है, हाल की घटनाओं से पता चलता है कि वास्तव में मतभेद और भी गहरे हो चले हैं। अपनी चाची के बाद पार्टी में दूसरे नंबर के नेता अभिषेक ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में सरकार के रवैए की आलोचना करने वाले कलाकारों के बहिष्कार के मुद्दे पर पार्टी के कुछ नेताओं से मतभेद जताया, लेकिन हाल ही में मतभेदों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने वाली बात ममता बनर्जी द्वारा अपने भतीजे के करीबी माने जानेवाले मंत्रियों की आलोचना थी।
मंत्री नहीं तो मेयर सही
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के साथ महायुति का खेला पार्टी प्रमुख रामदास आठवले को अब समझ में आ रहा है। विधानसभा चुनाव में जिन दो सीटों को आरपीआई के कोटे में रखा गया था, उनमें से एक पर भाजपा और दूसरी पर गद्दार गुट ने अपने उम्मीदवार उतार दिए, जो जीत भी गए। अब आठवले राज्य में अपनी पार्टी का एक मंत्री चाहते हैं जो नामुमकिन है। लिहाजा, उनकी नजर अब पुणे के महापौर की कुर्सी पर है। पुणे नगर निगम में सत्ता स्थापित करने के बाद आरपीआई को उप महापौर पद मिला था। इस बार पुणे शहर का मेयर आरपीआई का होना चाहिए। पिछले नगर निगम चुनाव में आरपीआई ने महागठबंधन में १२ सीटों पर जीत हासिल की थी। आठवले की मांग है कि पुणे का अगला मेयर उनकी पार्टी का हो।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)