अजय भट्टाचार्य
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिंगायत नेता येदियुरप्पा से जुड़ी एक घटना ने मध्य कर्नाटक क्षेत्र में कम से कम १० सीटों पर भाजपा की हार में महत्वपूर्ण और प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। इनमें सबसे महत्वपूर्ण पार्टी महासचिव सीटी रवि की चिकमंगलुरु में कांग्रेस उम्मीदवार एचडी थम्मैया के हाथों हुई बुरी हार भी शामिल है। रवि को कांग्रेस उम्मीदवार एचडी थम्मैया ने ५,९२६ वोटों से हराया था। थमैय्या लिंगायत हैं और येदियुरप्पा के करीबी सहयोगी रहे हैं। उन्होंने चुनाव से पहले ही पार्टी को जय श्रीराम कहकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। पार्टी में मुख्यमंत्री उम्मीदवार माने जानेवाले चार बार के विधायक रवि की हार को येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र के कथित विरोध के राजनीतिक बदले के तौर पर देखा जा रहा है, जो राज्य में भाजपा का शीर्ष नेता बनने की ख्वाहिश भी रखते हैं। वोक्कालिगा नेता रवि ने १४ मार्च को सुझाव दिया कि येदियुरप्पा और उनके बेटे अब पार्टी में प्रभावशाली ताकत नहीं रह गए हैं। बस एक बात याद रखना। उम्मीदवारों पर पैâसला किसी की रसोई में नहीं होगा। किसी को टिकट नहीं मिलेगा क्योंकि वे किसी के बेटे हैं। विजयेंद्र का नाम लिए बगैर रवि का यह कटाक्ष येदियुरप्पा नहीं भूले और नतीजा यह हुआ कि वे रवि के लिए चुनाव प्रचार करने भी नहीं गए। इसी तरह चिकमंगलुरु जिले की मुदिगेरे सीट से येदियुरप्पा के वफादार एमपी कुमारस्वामी चुनाव की से पहले भाजपा से बाहर हो गए और जद (एस) के लिए चुनाव लड़ा। पहली बार उम्मीदवार बनीं कांग्रेस की नयना जवाहर ने ७२२ वोटों के मामूली अंतर से सीट जीती।
टिके रहेंगे भूपेंद्र
पिछले शुक्रवार को प्रधानसेवक के गुजरात दौरे के तुरंत बाद गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को बदलने की अफवाहें वायरल हुर्इं। पटेल के विरोधी अचानक सक्रिय हो गए और जल्द ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पटेल के संभावित प्रस्थान के संदेशों से भर गए। लेकिन सीधे-साधे मुख्यमंत्री को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उनकी सादगी की मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सराहना की थी। पटेल द्वारा अपने बेटे के लिए एयर एंबुलेंस का भुगतान करने की एक रिपोर्ट, जिसे पिछले हफ्ते ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था और घरेलू एयरलाइंस में उनकी मुंबई यात्रा को राज्य भाजपा द्वारा ट्विटर पर डाला गया था। मोदी ने इसका संज्ञान लिया और टिप्पणी की कि भूपेंद्रभाई ने सार्वजनिक जीवन में सादगी और ईमानदारी की मिसाल पेश की है, इससे लाखों लोगों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बेटे के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की। जनता की सराहना ने संदेश दिया है कि भूपेंद्रभाई फिलहाल यहां टिके रहेंगे!
बागेश्वर बाबा की अधूरी हसरत
आखिर बहुप्रचारित-प्रसारित बागेश्वर बाबा का पटना में धार्मिक मजमा एक दिन पहले ही खत्म हो गया। भारी गर्मी के चलते लोगों की तबीयत बिगड़ने से बाबा ने आनन-फानन में अपनी सभा समेटने का एलान किया और चलते बने। बाबा की एक इच्छा भी अधूरी रह गई। बाबा चाहते थे कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी इस आयोजन में हिस्सा लें। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, बाबा ने अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से संदेशा भी भेजा। आयोजकों द्वारा बाबा का संदेशा राबड़ी आवास पर पहुंचाया गया। बाबा का कहना है कि वे खुद लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मिलना चाहते हैं, इसके लिए आग्रह किया जाता है कि वे दोनों कथा के दौरान पंडाल में जरूर पधारें। मजमे में जुटी भीड़ के आधार पर धारणा बनी कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव इस आयोजन में शामिल हो सकते हैं। आयोजन आरंभ होने से पहले आयोजकों द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और तेजस्वी यादव को निमंत्रण कार्ड भेजा गया था। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी बोले कि महागठबंधन की सरकार भी सभी धर्मों और धर्मगुरुओं का सम्मान करती है। बाबा बागेश्वर ने बुलाया है तो तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद तुरंत जाने पर विचार करेंगे। अब यह विचार धरा रह गया है। बाबा दूसरी जगह मजमा लगाने उड़ चुके हैं। सबकी चिट्ठी बांचने वाले यह नहीं संभव कर पाए कि लालू उसके मजमे में पहुंच सकें। यह भी चमत्कार है न!
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।