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झांकी  : खाली चोंबू

अजय भट्टाचार्य

पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस का `पेसीएम’ अभियान सफल हुआ था। अब कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों में केंद्र के खिलाफ एक नया `चोंबू’ (लोटा) अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगुलुरु दौरे के मौके पर विधायक रिजवान अरशद और एआईसीसी सचिव अभिषेक दत्त सहित कांग्रेस नेताओं ने एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के नेतृत्व में महकरी सर्कल पर `चोंबू’ अभियान के तहत प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कहना है कि जब कर्नाटक के लोगों और किसानों ने सूखा राहत मांगी, तो भाजपा सरकार ने एक खाली `चोंबू’ दिया। कांग्रेस ने `पेसीएम’ अभियान शुरू करने के लिए ठेकेदारों द्वारा ४० प्रतिशत कमीशन के आरोप का इस्तेमाल किया था और इस बार पार्टी सूखा राहत के लिए कर हस्तांतरण और एनडीआरएफ फंड के मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा राज्य के साथ कथित सौतेले व्यवहार का मुद्दा उछाल रही है।

कांग्रेस उम्मीदवार के साथ खेला
गुजरात में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले कांग्रेस के साथ खेला हो गया। सूरत में पार्टी के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है। अदालत के आदेश पर उनका नामांकन खारिज किया गया है। कल अदालत की सुनवाई के दौरान उनकी उम्मीदवारी के लिए बतौर समर्थक हस्ताक्षर करने वाले तीनों समर्थक पेश नहीं हुए। इन तीनों समर्थकों ने दावा किया था कि निलेश कुंभानी के नामांकन फॉर्म में उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसके चलते भाजपा ने नीलेश का नामांकन फॉर्म रद्द करने की मांग की। कोर्ट में याचिका देकर शिकायत की गई, जिस पर रविवार को फैसला आया। नीलेश ने फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। उनके नामांकन पर भाजपा ने सवाल उठाऐ थे। चुनाव आयोग को दिया गया हलफनामा सामने आने के बाद भाजपा ने पड़ताल की तो पता चला कि नामांकन पत्र पर जिन समर्थकों के हस्ताक्षर हैं, वे झूठे हैं। तीनों समर्थकों रमेश पोलारा, ध्रुवित कामेलिया और जगदीश सावलिया ने हस्ताक्षर उनके होने से इनकार किया। इस आधार पर भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के समर्थक दिनेश जोधानी ने याचिका दायर की थी। सूरत कलेक्टर कोर्ट में शिकायत देकर नीलेश का नामांकन रद्द करने की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर ने नीलेश को तीनों समर्थकों को पेश करने को कहा, लेकिन कल हुई सुनवाई में तीनों समर्थक कोर्ट में पेश नहीं हुए तो अदालत ने नीलेश का नामांकन रद्द करने का फैसला सुना दिया। नीलेश ने भाजपा पर उनके समर्थकों का अपहरण करने और उन पर दबाव डालकर झूठा हलफनामा कोर्ट में सबमिट कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण कानून के तहत याचिका भी दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
राजद के हुए महबूब
खगड़िया से लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के मौजूदा सांसद महबूब अली कैंसर ने लोकसभा चुनाव टिकट न मिलने से नाराज होकर राजद का हाथ थाम लिया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने महबूब अली वैâसर को पार्टी की सदस्यता दिलवाई है। इस दौरान तेजस्वी भाजपा पर भी हमला बोलने से नहीं चूके। तेजस्वी ने कहा कि इस चुनाव में बिहार के चौंकाने वाले नतीजे सामने आएंगे। हम देश बचाने की लड़ाई भी जारी रखेंगे। लोजपा छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए महबूब अली कैंसर ने लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने चिराग पासवान को गद्दार का भी टैग दे दिया है। कैंसर का कहना है कि हमने घर वापसी की है, जिसकी मुझे खुशी है। १७ महीने में तेजस्वी यादव ने लोगों को ५ लाख नौकरी दी इसलिए मैं तेजस्वी यादव का बहुत बड़ा फैन हूं। चिराग पासवान ने मेरे साथ गद्दारी की है। जब तक जान रहेगी, मैं तब तक राजद की मजबूती के लिए काम करूंगा। महबूब तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में चौथी बार वो फिर से खगड़िया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर चिराग पासवान की पार्टी ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया। ऐसे में चिराग से नाराज महबूब ने पाला बदलने का पैâसला किया और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो गए।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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