अजय भट्टाचार्य
रायगढ़ किले ‘बाजू हट’ प्रहसन के बाद अगली सुबह मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में शाह के साथ गद्दार-ए-आजम की सदिच्छा भेंट चर्चा में है। खबर है कि गद्दार बहादुर ने अजीत पवार के खिलाफ शाह से शिकायत की और अपनी विभिन्न शिकायतें बताईं। इस शिष्टाचार भेंट पर अजीत पवार ने सुझाव दिया कि शाह से शिकायत करने की बजाय उनसे बात करते। भले इसे शिष्टाचार भेंट कहा जा रहा हो मगर यह एक ‘गंभीर चर्चा’ थी। जाहिर है कि शाह के साथ मौसम और क्रिकेट पर तो बात नहीं हुई है। यह राजनीति और सरकारी कामकाज पर एक गंभीर चर्चा होनी थी।
बिहार चुनाव की गुजरात में हलचल!
गुजरात में बिहार चुनाव की राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। बिहार में चार महीने के भीतर चुनाव घोषित होने की उम्मीद है इसलिए पार्टियों ने गुजरात में बिहारी प्रवासियों को लुभाना शुरू कर दिया है। बिहार के करीब १५-२० लाख लोग अमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे शहरों में रहते और काम करते हैं, जो उन्हें एक बड़ा वोट बैंक बनाता है इसलिए चुनाव प्रचार उनके पास आ गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में अमदाबाद में मैथिली समुदाय के एक कार्यक्रम में भाग लिया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल होली के बाद बिहार समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए और अब एक अन्य कार्यक्रम के लिए वडोदरा जा रहे हैं। ‘मिनी इंडिया’ कहे जानेवाले सूरत में केंद्रीय मंत्री सी आर पाटील सक्रिय हैं। वोट बिहार में डाले जाएंगे, लेकिन भाषण, मुस्कुराहट और मीठी बातें सब गुजरात में हो रही हैं।
पारस राजग से अलग
अंतत: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने एनडीए से बाहर होने की घोषणा कर दी है। बोले कि हमारी पार्टी अब एनडीए से कोई रिश्ता नहीं रखेगी। उन्होंने नीतीश सरकार की दलित विरोधी होने की आलोचना की। ‘आज से हम एनडीए के साथ नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारा उनसे कोई संबंध नहीं है। राज्य और केंद्र की सरकार भ्रष्ट और दलित विरोधी है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पारस ने कहा कि आपने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान किया है।’ पशुपति पारस ने दिवंगत राम विलास पासवान को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग की है। वे बिहार की सभी २४३ सीटों पर सदस्यता अभियान शुरू करेंगे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)