मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : हैश टैग मिडिल क्लास

झांकी : हैश टैग मिडिल क्लास

अजय भट्टाचार्य

२०२४ में तीसरी बार नरेंद्र मोदी को लंगड़ी सरकार का मुखिया बनाने वाला मध्यम वर्ग (मिडिल क्लास) हसरत भरी निगाहों से सरकार की तरफ देख रहा था। उम्मीद थी कि बजट २०२४ में टैक्स में कुछ राहत मिलेगी और हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे आएंगे। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से मिडिल क्लास अपने को एक बार फिर ठगा हुआ महसूस कर रहा है। वित्तमंत्री ने आयकरदाताओं के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी मानक कटौती की सीमा ५० हजार रुपए से बढ़ाकर ७५ हजार रुपए कर दिया है। इसके अलावा नए कर स्तर में एक बार फिर बदलाव करते हुए न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव से करदाता १७,५०० रुपए बचा पाएंगे। सोशल मीडिया पर लोगों का यही मानना है कि भले ही सरकार को कम टैक्स मिले, मगर मिडिल क्लास को राहत देना बहुत जरूरी था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो आम आदमी अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर ही निकालता हुआ नजर आ रहा है। भारत का शुमार विश्व के उन देशों में है, जहां की एक बड़ी आबादी ५.५ लाख से १५ लाख रुपए तक कमाती है। यानी यही वो वर्ग है जो आयकर जमा कर देश के विकास में निर्णायक भूमिका अदा करता है। चूंकि बजट से मिडिल क्लास के हिस्से में कुछ विशेष नहीं आया है इसलिए एक्स पर ट्वीट्स और मीम्स की बाढ़ आ गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का यही मानना है कि भले ही सरकार को कम टैक्स मिले, मगर मिडिल क्लास को राहत देना बहुत जरूरी था। बजट से निराश आम आदमी अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर ही निकालता हुआ नजर आ रहा है। हैश टैग मिडिल क्लास पर जिस हिसाब से लोगों के ट्वीट बरसे हैं अगर उनको देखें तो तमाम लोगों का यही कहना है कि इस सरकार ने कभी आम आदमी और उसमें भी अपने सबसे बड़े असेट मिडिल क्लास के बारे में सोचा ही नहीं। बहरहाल, भले ही लोग एक्स पर बजट २०२४ के मद्देनजर मौज ले रहे हों, सरकार को लोगों के गुस्से को समझना चाहिए। मोदी लोकसभा चुनावों में जनादेश देख चुके हैं, उन्हें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि अभी आने वाले वक्त में तमाम राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।

मचमच जारी
उत्तर प्रदेश भाजपा की मचमच कम होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुर्इं। साथ ही योगी की बुलडोजर नीति को भाजपा की हार बताने वाले निषाद पार्टी के अगुआ संजय निषाद के भी मौर्य से मिलने के बाद सियासत और तेज हुई। समाजवादी पार्टी ने इस फोटो शूट पर तड़का लगा दिया। सपा नेता आईपी सिंह ने इस मुलाकात को लेकर कहा कि केशव प्रसाद मौर्य अब योगी आदित्यनाथ से टक्कर लेने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य का स्वागत करते हुए कहा कि देखते हैं कि वो भाजपा छोड़ते हैं या मुख्यमंत्री योगी हटाए जाते हैं। सपा नेता ने एक्स पर लिखा- ‘श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़ने का पैâसला अंत में कर ही लिया है इसलिए आखिरी दौर में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से दो-दो हाथ करने के लिए उतर चुके हैं। देखना सबसे अहम होगा कि विधानसभा सत्र के बाद भाजपा छोड़ते हैं या योगी आदित्यनाथ जी हटाए जाते हैं। स्वागत है केशव जी।’ आईपी सिंह ने इससे पहले दावा किया था कि दोनों नेता ओम प्रकाश राजभर और केशव प्रसाद मौर्य को सिर्फ मालदार विभाग चाहिए इसलिए भाजपा में आपसी मारामारी मची हुई है। राजभर को अमित शाह से पैरवी करके पंचायती राज मिल गया, लेकिन केशव प्रसाद मौर्या को दोबारा सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) चाहिए, जिसे योगी दे नहीं रहे हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही उप्र भाजपा के अंदर की कलह खुलकर सामने आ गई है। कई नेता खुलकर बयानबाजी करते दिखाई दिए। मौर्य ने तो योगी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यह तक कह दिया कि संगठन सरकार से बड़ा होता है। इसके बाद दोनों नेताओं का विवाद काफी सुर्खियों में बना हुआ है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा
व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

अन्य समाचार