अजय भट्टाचार्य
सागर बंगले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से राकांपा नेता छगन भुजबल की मुलाकात के बाद तय लग रहा है कि जल्द ही उनकी भाजपा में एंट्री होनेवाली है। मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज छगन भुजबल की फडणवीस से मुलाकात के दौरान भुजबल के भतीजे समीर भुजबल भी मौजूद थे। दोनों ने मुख्यमंत्री को उनके साथ पिछले २ सप्ताह में क्या-क्या हुआ, वह सब बताया। तीनों के बीच ४० मिनट तक मुलाकात चली। मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए भुजबल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जो जीत महायुति की हुई है, उसमें ओबीसी वोटबैंक ने भी अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ कई सामाजिक विषयों पर बातचीत हुई। क्रिसमस का त्योहार और नए साल के जश्न के चलते उन्होंने ८ से १० दिन का वक्त मांगा है और कहा कि नुकसान नहीं होने देंगे, बस समय दीजिए। इससे पहले रविवार को कई ओबीसी संगठनों ने एक मंच पर आकर समाज की बैठक में छगन भुजबल का समर्थन किया। भुजबल और अजीत पवार के बीच दूरियां और बढ़ने लगी हैं। भुजबल ने राकांपा द्वारा राज्यसभा सदस्य बनाए जाने के ऑफर को दूसरी बार भी ठुकरा दिया है। मतलब साफ है कि भुजबल कमलम शरणम हैं।
मांझी ने बढाई टेंशन
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा’ ने कल दिल्ली में पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में ९ प्रस्ताव पारित कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टेंशन दे दिया है। इन प्रस्तावों में दीक्षा भूमि नागपुर में बाबासाहेब की विशाल प्रतिमा लगे, दिल्ली की सड़कों का नाम बदलकर आजादी के शहीदों और बड़े महापुरुषों के नाम पर रखा जाए, मध्यम वर्ग के लिए सस्ती स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लाई जाए, बिहार में सभी तरह की पेंशन कम से कम २००० रु. करना, बिहार में घरेलू उपयोग के लिए २०० यूनिट और पांच एकड़ तक के किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिले जैसे प्रस्ताव के साथ ही ५ हजार रुपए बेरोजगारी नियोजन, ‘माता सबरी सम्मान योजना’ लाकर बिहार में सभी वर्ग की बेटियों को लाभ देने और बाबासाहेब की मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के तर्ज पर होने की बात शामिल है। मांझी की ओर से आए इस प्रस्ताव पर अब राजग में बवाल मचना तय है। उधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी २०० यूनिट फ्री बिजली देने का एलान कर चुके हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)