मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : मोदी को नहीं घेरेंगे क्षत्रिय

झांकी : मोदी को नहीं घेरेंगे क्षत्रिय

अजय भट्टाचार्य

क्षत्रियों ने घोषणा की है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे के दौरान किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे। क्षत्रियों की समन्वय समिति द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा, लेकिन मोदी की सभाओं में खलल नहीं डाला जाएगा। कुछ तत्व हैं जो देश में शांति भंग करने के लिए स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन पर अंकुश लगाया जाएगा। समिति के समन्वयक रामजुभा जाडेजा के अनुसार, समुदाय के सदस्य ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे मोदी की सुरक्षा को खतरा हो। क्षत्रिय अपने अनुशासन का परिचय देंगे और सात मई को शत-प्रतिशत नकारात्मक मतदान करके भाजपा को जवाब देंगे। राजपूत विरोधी टिप्पणियों के लिए परषोत्तम रूपाला के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में शुरू हुई घटना ने हाल ही में ग्रामीण स्तर पर जोर पकड़ लिया है और क्षत्रियों ने भाजपा के खिलाफ मतदान करने के लिए अपने समुदाय को एकजुट किया है।

भितरघात का डर
राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के सतीश पूनियां, राजेंद्र राठौड़ और विजय बैंसला जैसे दिग्गजों की हार पर पार्टी ने एक आंतरिक सर्वे कराया, जिसमें उन सीटों को शामिल किया गया, जहां पर १० हजार से कम वोटों से दिग्गज चुनाव हारे थे, जिनमें ३५ के आस-पास सीटों की रिपोर्ट बनी थी। अब लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर दिग्गजों को हार का डर सता रहा है इसकी भी रिपोर्ट बनने लगी है। राजस्थान में भाजपा का गढ़ कही जाने वाली जयपुर शहर लोकसभा सीट भी भितरघात में शामिल हो गई है। इसमें आने वाले एक विधानसभा क्षेत्र में वहां के विधायक पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में मूक खेल खेल दिया है। कोटा में कुछ जातिगत नेताओं को मैनेज करने की चर्चा तेज है। जहां पर भाजपा मजबूत स्थिति में थी और अचानक से वहां पर मत प्रतिशत कम होने की चर्चा है। इसके साथ ही जोधपुर, चित्तौड़गढ़ धौलपुर-करौली और भरतपुर में भी भितरघात की बात सामने आ रही है। जयपुर ग्रामीण में भी एक दिग्गज नेता का नाम सामने आ रहा है। उस नाम पर अभी पार्टी में सहमति बन नहीं पा रही है, मगर उस दिग्गज नेता ने अपने समर्थक विधायकों के साथ मिलकर खेल खेला है। पिछले लोकसभा चुनाव से भाजपा नए चेहरों पर दांव लगा रही है इसलिए कुछ पुराने दिग्गजों को परेशानी हो रही है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में भी नए दिग्गजों की सीट को फोकस किया गया। अब लोकसभा चुनाव में भी दिग्गजों को निपटाने का पूरा खेल तैयार किया गया है।

दुष्कर्म पर सियासत
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हाई प्रोफाइल स्कूल में ८ साल की बच्ची से दुष्कर्म को लेकर सियासत गरमा गई है। घटना के बारे में जानकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भड़क गए। उन्होंने भाजपा की मोहन यादव सरकार को घेरते हुए घटना को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि बच्चियों के साथ ऐसी हरकतें करते हुए हैवानों को शर्म नहीं आती। भोपाल के एक स्कूल में छोटी बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना दिल दहला देने वाली है। प्रदेश में बेटियों के साथ हो रही इस तरह की ज्यादती सभ्य समाज के माथे पर कलंक है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि मध्य प्रदेश की सरकार बेटियों को सुरक्षा देने और अपराधियों को दंड देने की जगह उन लोगों पर कार्रवाई करती है, जो पीड़ितों के साथ सहानुभूति व्यक्त करते हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले झाबुआ के जोबट में १० साल की बच्ची के साथ भाजपा नेताओं ने रेप किया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पीड़ित परिवार से मिलने गए तो उन पर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। भोपाल वाली घटना में एक पुलिस वाले का नाम भी आया है। राष्ट्रीय क्राइम ब्यूरो के अनुसार, मध्य प्रदेश की दो लाख युवतियां/महिलाएं गायब हो गर्इं हैं। रोज औसतन १७ बलात्कार होते हैं, छेड़छाड़ और ज्यादती के मामलों में मध्य प्रदेश नंबर वन है। भोपाल की घटना मुख्यमंत्री और शासन की नाक के नीचे हुई है। भोपाल मामले में हॉस्टल वॉर्डन समेत ३ लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिस पुलिसकर्मी पर आरोप लगे हैं, वह अरेरा हिल्स में पदस्थ है और उसका नाम सब इंस्पेक्टर प्रकाश राजपूत है। पहले वह मिसरोद थाने में पदस्थ था। राजपूत पर मामले को दबाने का आरोप लगा है। उसने पीड़िता की मां को धमकाया और केस वापस लेने का दबाव बनाया।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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