अजय भट्टाचार्य
विधानसभा चुनाव-२०२२ में जनपद जौनपुर में जहां कुल ९ विधानसभा में कुल २००७५५४ मत पड़े। सपा गठबंधन को ७९९४८१ मत प्राप्त हुए, जो कुल पड़े मतों का ३९.८२ प्रतिशत था। वहीं भाजपा गठबंधन को ६९६१०६ मत प्राप्त हुए जो कुल पड़े मतों का ३४.६७ प्रतिशत था। बसपा को ३२४४६४ मत प्राप्त हुए, जो कल पड़े मतों का १६.२१ प्रतिशत था। मल्हनी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इस विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे धनंजय सिंह को ७९८३० मत प्राप्त हुए। इससे सिद्ध होता है कि धनंजय सिंह किसी भी दल या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरते हैं तो जौनपुर का राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। जौनपुर से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर कृपाशंकर सिंह के नाम की घोषणा से पहले धनंजय सिंह जेल भेजे जा चुके हैं।
बंगाल भाजपा में भगदड़
ऐसे समय में जब भाजपा अन्य राज्यों में अन्य दलों के पूर्व मुख्यमंत्रियों, विधायकों और सांसदों जैसे बड़े नेताओं को अपने पाले में लेकर आ रही है, पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में भाजपा के एक सांसद और एक विधायक पार्टी को राम-राम कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जबकि अभी तक आधिकारिक तौर पर भाजपा में टिके केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बारला ने अलीपुर दुआर सीट पर अनदेखी के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की है। संदेशखाली मुद्दे पर हाल ही में घिरने के बाद भाजपा नेताओं का तृणमूल में शामिल होना भी सत्तारूढ़ पार्टी के लिए उत्साहवर्द्धक है। यह नेता उस समय तृणमूल में शामिल हुए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद भाजपा महिला मोर्चा के सदस्यों के साथ-साथ संदेशखाली के पीड़ितों के साथ बातचीत कर रहे थे। भाजपा से अलग होने की घोषणा करनेवाले नवीनतम नेता झारग्राम के सांसद कुंअर हेम्ब्रम थे, जिन्होंने सामाजिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए राजनीति से दूरी बना ली। इंजीनियर से नेता बने हेम्ब्रम ने यह निर्णय यह जानने के बाद लिया कि पूर्व माओवादियों के गढ़ जंगलमहल इलाके में आदिवासी बहुल सीट से उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना नहीं है। पहली बार सांसद बने हेम्ब्रम ने २०१९ के लोकसभा चुनाव में लगभग १० हजार वोटों से तृणमूल के बिरभा सारेन को हराया था। फरवरी २०२१ में उनके निर्वाचन क्षेत्र में महिलाओं ने उनका घेराव किया था, जिन्होंने पाइप से पानी के कनेक्शन की मांग की थी, जो कि चुनावों से पहले भाजपा द्वारा किया गया एक वादा था। इधर राणाघाट दक्षिण से भाजपा विधायक मुकुट मणि अधिकारी तृणमूल में शामिल हो गए, जो मतुआ समुदाय को लुभाने में जुटी भाजपा के लिए एक झटका है। दूसरी ओर, बारला की सार्वजनिक नाराजगी, बंगाल भाजपा के भीतर अंदरूनी कलह को दर्शाती है। लोकसभा चुनावों के लिए मदारीहाट विधायक मनोज तिग्गा के पक्ष में पार्टी द्वारा उन्हें नजरअंदाज किए जाने के बाद उनके गुस्से ने तृणमूल को उत्तरी बंगाल में एक अवसर प्रदान किया है, एक ऐसा क्षेत्र जहां उसका कोई सांसद नहीं है।
नितिन पटेल हटे
भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची आने के बाद गुजरात की राजनीति गरमाई हुई है। यहां पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजस्थान के सहप्रभारी नितिन पटेल ने मेहसाणा लोकसभा सीट से अपने दावेदारी वापस ले ली है। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्होंने इसका कारण बताया है। पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने समर्थकों के लिए भी संदेश लिखा है। पहली लिस्ट आने से पहले तक वह मेहसाणा सीट पर कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय थे। लेकिन अब उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की है। परसों सोशल मीडिया पर इस बारे में एलान करते हुए उन्होंने लिखा कि मेहसाणा लोकसभा सीट से पार्टी अपने प्रत्याशी का नाम तलाश कर रही है, अभी चयन प्रक्रिया जारी है। उससे पहले मैं अपनी उम्मीदवारी वापस लेता हूं। मैंने कुछ कारणों से मेहसाणा लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी की थी। अब मैं अपना नाम वापस लेना चाहता हूं। उन्होंने अपने समर्थकों के लिए लिखा कि मैं सभी कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों और सहयोगियों का बहुत आभारी हूं। बता दें कि बीजेपी ने शनिवार को गुजरात की १५ लोकसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की थी। गुजरात में कुल २६ लोकसभा सीट हैं। जल्द ही भाजपा यहां अपने बचे ११ प्रत्याशियों के नामों का भी एलान करेगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)