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झांकी : अब `जन की बात’!

अजय भट्टाचार्य

पिछले दस सालों में बिना किसी की सुने अपने `मन की बात’ सुनानेवाले प्रधानसेवक अब बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। अबकी बार अपने मन की बात करने/सुनाने से पहले उन्होंने देश की जनता से विचार और सुझाव मांगे हैं। सरकार की ओर से ऐप और फोन नंबर भी जारी किए गए हैं, जिसके जरिए लोग अपने संदेश को लिखकर या रिकॉर्ड कर भेज सकते हैं। बताया जा रहा है कि मन की बात कार्यक्रम में जनता के सुझावों को शामिल किया जाएगा। यह कार्यक्रम आगामी ३० जून को प्रसारित किया जाएगा। लगता है कि ४०० पार के सुपर फ्लॉप होने के बाद अवतार पुरुष क्रमश: मनुष्य योनि की तरफ वापसी कर रहे हैं। हो सकता है कि मन की बात का भी नया नामकरण हो जाए और इसे जन की बात कहा जाए। लोकसभा चुनाव से पहले २५ फरवरी को मन की बात का ११०वां एपिसोड प्रसारित हुआ था, जिसमें उन्होंने मतदाताओं से रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने की अपील की थी। मार्च में आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने चुनावी भाषणों को ही मन की बात बना दिया और खुद के अवतारी होने की घोषणा की थी। फिलहाल, परसों वाराणसी में वे मनुज रूप में थे और एक बार फिर गंगा मैया के जबरदस्ती दत्तक पुत्र बनने की घोषणा कर बैठे। वे अच्छी तरह जानते हैं कि गंगा ही पापहारिणी हैं।

बंगाल भाजपा में लंका
बंगाल भाजपा में लंका लगी हुई है। पार्टी के आईटी सेल के मुखिया पर पार्टी के बदले पद बांटने को लेकर शर्मनाक आरोप से जूझ रही भाजपा की अंतर्कलह अब सामने आ गई है। चुनाव के बाद हुई हिंसा की स्थिति का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाली चार सदस्यीय भाजपा केंद्रीय टीम को परसों दक्षिण २४ परगना जिले में अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यकर्ताओं ने शिकायत की और दावा किया कि राज्य भाजपा इकाई के वरिष्ठ नेता उनके साथ खड़े नहीं हुए, जब चुनाव के बाद हुई हिंसा के कारण उन्हें कथित तौर पर उनके घरों से विस्थापित होना पड़ा। यह घटना डायमंड हार्बर निर्वाचन क्षेत्र के अमतला में हुई, जहां त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब के नेतृत्व में भाजपा की केंद्रीय टीम अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुनने गई थी। इस बीच कल भाजपा ने डायमंड हार्बर में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले पार्टी नेता अभिजीत दास (बॉबी) को कारण बताओ नोटिस जारी कर उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण अस्थायी रूप से पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी की अनुशासन समिति द्वारा यह कदम पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग द्वारा दक्षिण २४ परगना जिले के अमतला में भाजपा की केंद्रीय टीम के सामने विरोध प्रदर्शन करने के एक दिन बाद उठाया गया।

नए अध्यक्ष की तलाश
प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ के बाद अब गुजरात की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? २००९ से लगातार चौथी बार नवसारी सीट जीतने वाले सीआर पाटील अपने ३५ साल के राजनीतिक करियर में पहली बार केंद्र में मंत्री बन रहे हैं। इसी के साथ गुजरात प्रदेश अध्यक्ष की सीट खाली हो गई है। फिलहाल, पाटील अध्यक्ष हैं और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। एक फॉर्मूला यह है कि नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए किसी अन्य पिछड़ा वर्ग, आदिवासी या क्षत्रिय चेहरे को मौका दिया जाए। उत्तर गुजरात में कांग्रेस की मजबूत हो रही स्थिति को देखते हुए नया प्रदेश अध्यक्ष उत्तर गुजरात से कोई ओबीसी चेहरा भी हो सकता है। वो फिर ठाकोर समुदाय का या फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री देवूसिंह चौहान, जिन्हें इस बार मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला, उनका नाम भी ओबीसी चेहरे के तौर पर हो सकता है, साथ ही पिछड़ी जाति में ही विनोद चावड़ा के नाम की भी चर्चा है। वहीं इस बार रुपाला को मंत्री न बनाकर क्षत्रिय समुदाय को खुश करने की कोशिश के साथ क्षत्रिय समुदाय से आई के जाडेजा भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में माने जा रहे हैं। इसमें यह ध्यान रखा जा रहा है कि जिन्हें केंद्र या राज्य के मंत्रिमंडल में स्थान न मिला हो, ऐसे समुदाय को प्राथमिकता दी जाए। इस बात की भी पूरी संभावना है कि कोई ऐसा नाम भी सामने आए, जिसके बारे में कोई चर्चा न हुई हो या किसी ने कयास न लगाया हो।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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