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झांकी : तेलंगाना में खेला

अजय भट्टाचार्य

तेलंगाना की राजनीति में दो बड़े केसीआर विरोधी चेहरों पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और जुपल्ली कृष्णा राव आगामी रविवार यानी २५ जून को अधिकारिक तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में खम्माम में कांग्रेस का झंडा-डंडा थामेंगे। खबर है कि अमेरिका यात्रा से वापसी के बाद राहुल से दोनों नेता २१ जून को नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सीधे दोनों नेताओं के शामिल होने और पूरे प्रयास का समन्वय करने में शामिल है। हालांकि, स्थानीय नेतृत्व ने वार्ता को सुविधाजनक बनाया है। रेड्डी और राव का अपने-अपने जिलों में खासा प्रभाव है और बहुत दिनों से भाजपा भी उन्हें अपने पाले में लाने के लिए दाने डाल रही थी। कुछ हफ्ते पहले भाजपा विधायक एटाला राजेंदर के साथ उनकी मुलाकात भी हुई थी। लेकिन कर्नाटक चुनाव नतीजों के बाद जिस तरह से तेलंगाना में कांग्रेस मजबूत हो रही है, उसी के चलते रेड्डी और राव के साथ तेलंगाना के ७-८ ऐसे नेता भी पार्टी में शामिल होंगे, जो विधानसभा चुनाव जीतने का माद्दा रखते हैं या फिलहाल किसी अन्य पार्टी के विधायक हैं। दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से निष्कासित कर दिया गया था। तीन बार विधायक व पूर्व मंत्री रहे श्री कृष्णा राव अपने प्रतिद्वंद्वी हर्षवर्धन रेड्डी को बीआरएस में शामिल करने के बाद से नाराज थे। श्री श्रीनिवास रेड्डी, जो वाईएसआरसीपी के टिकट पर खम्माम से सांसद चुने गए थे पिछले लोकसभा चुनाव से पहले बीआरएस में शामिल हो गए थे। लेकिन जब २०१९ में उनकी जगह तेलुगु देसम पार्टी से आये नामा नागेश्वर राव को टिकट थमा दिया गया तब से वे खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे।

ज्यादा न उछलो…!
पालघर में भरत मिलाप की झांकी दिखाने और ईडी सरकार के गठजोड़ को फेविकॉल से चिपका बताने वाले उसी दिन शाम को सह्याद्री गेस्ट हाउस में मिले। पालघर में ‘ईडी’ जोड़ी उतरी तो एक ही हेलीकॉप्टर से लेकिन कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए ‘डी’ ने ‘ई’ के साथ कार में जाने से मना कर दिया। मंच पर दोनों को मिलकर अभिनय करना था, सो कर दिया। खबर है कि सह्याद्री में ‘डी’ ने ‘ई’ पिता-पुत्र की क्लास लगा दी। बाप-बेटे की जोड़ी को सख्त शब्दों में हिदायत दी कि जिस तरह की विज्ञापनबाजी हुई उससे सरकार एक झटके में जा सकती है। ‘डी’ ने बाप के सामने ई के सांसद बेटे से कहा कि मैंने सब पता कर लिया है कि विज्ञापन तुम्हारी पीआर टीम ने छपवाया। तुम्हें और तुम्हारी पीआर टीम को इस तरह के घातक प्रचार से दूर रहना चाहिए। इस विज्ञापन से सरकार संकट में आ गई और गिर भी सकती है। क्या तुम ऐसा होता हुआ देखना पसंद करोगे? ३६ मिनट चली इस बंद कमरे की मीटिंग का लब्बो-लुआब यह है कि अंग्रेजी वर्णमाला में ‘डी’ पहले आता है इसलिए ‘ई’ को ज्यादा उछलना नहीं चाहिए।

असलहा बाबू से विधायक त्रस्त
उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर सदर सीट से भाजपा विधायक प्रदीप कुमार चौधरी का दु:ख समझा जा सकता है। प्रदेश में सत्ता भाजपा की, मुखिया भी भाजपा का मगर प्रशासन है कि सुन ही नहीं रहा। बाबाजी बड़े-बड़े विज्ञापन देकर यह बताना नहीं भूलते कि राज्य में लूट, डवैâती, छिनैती, रिश्वतखोरी बंद हो चुकी है। अब प्रदीप चौधरी की आपबीती पर विश्वास करें तो उप्र शासन का सरकारी महकमा बिना चढ़ावे के कोई काम नहीं करता। यहां तक कि खुद विधायकजी को अपने शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण को लेकर गाजियाबाद के असलहा बाबू को ४८,००० रुपए की घूस देनी पड़ी। काम हो जाने के बाद उन्होंने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को संबोधित करते हुए चिट्ठी लिखी कि बार-बार अपना परिचय देने के बावजूद असलहा बाबू ने एक नहीं सुनी और जवाब दिया कि बिना सुविधा शुल्क दिए उनका लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं होगा। लगता है कि इस चिट्ठी का भी कोई असर नहीं हुआ, लिहाजा डीएम को लिखी उनकी चिट्ठी दो महीने बाद सोशल मीडिया पर तैर रही है। हो सकता है अब यह चिट्ठी गोमती नदी पार कर सीधे बाबाजी के सरकारी आवास पर पहुंच जाए! सोचनेवाली बात यह है कि सुविधा शुल्क देकर विधायक जी काम तो हो गया, जरा उनका सोचिए, जिनका पैसा भी गया काम भी नहीं हुआ।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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