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झांकी : पीएमके परेशान

अजय भट्टाचार्य

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने अन्नाद्रमुक का साथ छोड़कर भाजपा के साथ हाथ मिला तो लिया है लेकिन पार्टी कैडर इस फैसले को पचा नहीं पा रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे के एक बयान ने पीएमके की परेशानी और बढ़ा दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बेंगलुरु के एक कैफे में हाल ही में हुए विस्फोट के लिए तमिलनाडु के लोग जिम्मेदार थे। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने इस बयान को लपका और सीधे केंद्रीय चुनाव आयोग का दरवाजा खटका दिया। चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि शोभा के बयान पर आचार सहिंता भंग की कार्रवाई करे। चुनाव आयोग ने डीएमके संगठन सचिव आर.एस. भारती से प्राप्त शिकायत की एक प्रति भी कर्नाटक चुनाव आयुक्त को भेजी। भारती ने इससे पहले बुधवार को सीईओ से कहा था कि ‘यह सुनिश्चित करें कि आदर्श आचार संहिता के अनुसार शिकायत पर तत्काल उचित कार्रवाई की जाए।’ चुनाव आयोग ने ४८ घंटे के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी। शोभा के बयान पर डीएमके ने तमिलनाडु में माहौल बनाना शुरू कर दिया है कि भाजपा तमिलों से नफरत करती है। खुद भाजपा इस बयान से बैकफुट पर है। यह घटनाक्रम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, जो अब तक बड़ी पार्टियों को अपने साथ जोड़ने में असफल रही है। पीएमके ने २०१४ और २०१९ के लोकसभा चुनावों में अन्नाद्रमुक और भाजपा के साथ गठबंधन किया था। २०२१ के विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन जारी रहा। सितंबर २०२१ में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पीएमके अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन से बाहर हो गई।

कर्नाटक भाजपा में बवाल
कर्नाटक भाजपा को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के गृह जिले शिवमोग्गा में ‘विद्रोह’ का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पूर्व उपमुख्यमंत्री ईश्वरप्पा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने बेटे केई कांतेश को हावेरी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिए जाने के बाद वहां से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इसके तुरंत बाद एक और असफल टिकटार्थी पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने भी अपने विकल्प खुले रखने की घोषणा कर दी। सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा के गठबंधन सहयोगी जेडीएस के नेताओं ने सीट आवंटन में देरी पर खुलकर नाराजगी जताई और दावा किया कि भाजपा की सूची के लिए उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। पार्टी को पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की उम्मीदवारी के खिलाफ कुछ नेताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है, जो बेलगावी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। चिक्काबल्लापुर में पार्टी को उम्मीदवार तय करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच मांड्या से सांसद सुमालता इस क्षेत्र से भाजपा का टिकट पाने के लिए नई दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। खबर है कि पार्टी में मचे बवाल के बीच येदियुरप्पा भी दिल्ली की परिक्रमा पर हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले येदियुरप्पा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गोविंद करजोल, प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और अन्य से इन मुद्दों पर चर्चा भी की। इधर सदानंद गौड़ा को लेकर कर्नाटक के सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस के कुछ नेता उनके संपर्क में हैं, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस मुद्दे पर जगदीश शेट्टार का उदाहरण देकर सदानंद को कांग्रेस की डोली में बिठाकर ढोने के मूड में नहीं हैं।

बाहुबली की तलाश में कडप्पा
आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला रेड्डी के आगामी चुनाव में कडप्पा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है। पार्टी आलाकमान चाहता है कि शर्मिला वाईएसआरसी के गढ़ में लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें। वर्तमान में शर्मिला के चचेरे भाई वाईएस अविनाश रेड्डी कडप्पा से सांसद हैं, जबकि टीडीपी-जेएसपी-बीजेपी गठबंधन ने वाईएसआरसी से यह क्षेत्र छीनने के प्रयास तेज कर दिए हैं, लेकिन अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। दूसरी ओर वाईएसआरसी अविनाश रेड्डी को ही दोहरा रही है। टीडीपी ने पहले इस सीट के लिए पोलित ब्यूरो सदस्य आर श्रीनिवासुलु रेड्डी पर विचार किया था। श्रीनिवासुलु रेड्डी की पत्नी माधवी रेड्डी के कडप्पा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के कारण पीली पार्टी ने अब एक परिवार के लिए एक टिकट की अपनी नीति के अनुरूप इस विचार को छोड़ दिया है। रायचोटी विधानसभा सीट में टिकट से वंचित श्रीनिवासुलु रेड्डी के भाई रमेश कुमार रेड्डी और पूर्व विधायक जी. वीरशिव रेड्डी के नाम भी चर्चा में हैं। वीरशिव कमलापुर से तीन बार विधायक हैं। १९९४ के चुनावों में उन्होंने पूर्व गृहमंत्री और कडप्पा के कद्दावर नेता एमवी मैसूरा रेड्डी को हराकर प्रसिद्धि हासिल की। टीडीपी ने भाजपा को संदेश भेजकर बडवेल और जम्मलमदुगु विधानसभा सीटों के लिए टिकट मांगने के बजाय कडप्पा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार खड़ा करने के लिए कहा था।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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