अजय भट्टाचार्य
सोशल मीडिया पर रील बनाकर चेंपनेवाले रेल मंत्री का नया नाम अब सोशल मीडिया पर रील मंत्री हो गया है। शनिवार को विश्व पर्यटन दिवस के मद्देनजर रील मंत्री ने ट्वीटर के नए अवतार ‘एक्स’ पर १७ सेकंड की एक क्लिपिंग चिपका दी और ज्ञान दिया कि वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत की त्रिवेणी हैशटैग वर्ल्ड टूरिज्म डे। मगर जिस ट्रेन की क्लिप रील मंत्री ने एक्स पर चेंपी थी, वह ट्रेन भारत की न होकर पेरू की थी। नेटिजन ने रील मंत्री की इस गलती (या चालाकी) को पकड़ा और ट्रोलिंग शुरू कर दी। नतीजा यह हुआ कि रील मंत्री ने अपनी वह पोस्ट डिलीट कर दी। मगर इस मुंह छिपी में उनसे तनिक देर हो गई, क्योंकि लोग उसे रिट्वीट कर चुके थे, चूंकि रील मंत्री ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है। इसलिए यहां उनके द्वारा पहले पोस्ट किए गए वीडियो की स्क्रीन रिकॉर्डिंग है। यह दिखाता है कि उनका विभाग विदेशी रेलवे की उपलब्धियों का श्रेय अपने पास रख रहा है। यह स्पष्ट है कि वे रेलवे को ठीक से संभाल नहीं सकते, लेकिन अब ऐसा लगता है कि वे रील बनाने का काम भी ठीक से नहीं संभाल सकते।
किसी से न कहना
गुजरात भाजपा के भीतर असंतोष की चिंगारी इस कदर बढ़ गई है कि पार्टी के लोग अपनी पार्टी की खिंचाई के लिए विरोधी दल की मदद लेने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। हालांकि, शुरुआत में केवल अंदरूनी सुगबुगाहट थी, लेकिन अब पार्टी के कई सदस्य सार्वजनिक रूप से पार्टी और उसके वरिष्ठ नेतृत्व के प्रति अपना असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। अन्य लोग पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को शर्मिंदा करने के लिए पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं। हाल ही में एक वरिष्ठ कांग्रेस विधायक की संयोगवश एक वरिष्ठ पूर्व भाजपा विधायक से मुलाकात हो गई। दोनों ने राजनीतिक स्थिति पर चर्चा शुरू की और भाजपा नेता अपनी पार्टी की आलोचना में मुखर हो गए। कांग्रेस विधायक को तब आश्चर्य हुआ, जब भाजपा नेता ने उनसे राजकोट अग्नि त्रासदी को उठाने में कांग्रेस की विफलता के बारे में पूछा। भाजपा नेता ने स्पष्ट रूप से कहा, ‘आपको इस मुद्दे को जीवित रखना चाहिए। इससे हमें फायदा होगा।’ कांग्रेसी विधायक ने, यह बात किसी से न कहना, अंदाज में किसी को बता दी। नतीजतन, भाजपा के पूर्व विधायक अब अपनी ही पार्टी के लोगों से बचते फिर रहे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में
इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)