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झांकी : जूनागढ़ का दर्द

अजय भट्टाचार्य

१५ से १७ सितंबर तक प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी गुजरात यात्रा पर थे। इस बीच सूबे के पूर्व पर्यटन मंत्री जवाहर चावड़ा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मोदी को कथित तौर पर लिखा एक पत्र पोस्ट किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि जूनागढ़ जिले में भाजपा कार्यालय का निर्माण नियमों का उल्लंघन करके किया गया है। उनका आरोप है कि अवैध निर्माण के कारण प्राकृतिक जलधाराएं बाधित हुई हैं, जिससे बाढ़ आ रही है। पिछले साल जुलाई में शहर में अचानक आई बाढ़ के बाद जूनागढ़ के कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी और जूनागढ़ के भाजपा विधायक संजय कोराडिया सहित कई स्थानीय नेताओं ने शहर से गुजरने वाली दो नदियों कालवा और सोनराख पर अतिक्रमण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। पार्टी अपने ही नेताओं को नियमों का उल्लंघन करते हुए नहीं देख पा रही थी। यह जूनागढ़ शहर के नौ साल के व्यथा (दर्द) की कहानी है। हमारी अनुशासित पार्टी में कुछ नियम हैं (एक व्यक्ति, एक पद; तीन साल का कार्यकाल आदि)। आमतौर पर, ये नियम प्रत्येक कार्यकर्ता और पदाधिकारी पर समान रूप से लागू होते हैं, लेकिन जूनागढ़ एक अपवाद है। जूनागढ़ में अन्य भाजपा नेताओं ने इन मामलों के बारे में कई शिकायतें की थीं। फिर भी ऐसा लगता है कि वे आप (मोदी) तक नहीं पहुंचे हैं। उन्हें किसी ने दबा दिया है। मैं यह पत्र सार्वजनिक कर रहा हूं, ताकि ये मामले आपकी मेज तक पहुंचें।
बागी हटे
हरियाणा विधानसभा चुनाव में उतरे बागियों को मनाने में पार्टियों को थोड़ी सफलता भी मिली। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा में पार्टी के सह प्रभारी बिप्लव देब ने भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर बागियों को मनाने के लिए अभियान चलाया था, वहीं कांग्रेस के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने बागियों से संपर्क साधा। हालांकि, कई बागी अभी भी मैदान में जमे हुए हैं। कांग्रेस में बवानी खेड़ा सीट से कांग्रेस के बागी रामकिशन फौजी, नलवा हल्का सीट से बागी हुए पूर्व मंत्री संपत सिंह, पंचकूला सीट से गुरजंत सिंह पोला, अंबाला सिटी से जसबीर सिंह मलौर और हिम्मत सिंह, शाहबाद से प्रेम हिंगाखेड़ी और अटेली से हेमंत शर्मा ने नामांकन वापस ले लिया है। जबकि भाजपा के बागियों में सोहना में सुधीर चौधरी, नारनौल से भारती सैनी, नांगल चौधरी सीट से सतीश सैनी और सोनीपत से राजीव जैन ने नामांकन वापस ले लिया है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित
समाचार पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)

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