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झांकी : नाट्य प्रयोग

अजय भट्टाचार्य

महाकुंभ खत्म होने के बाद चैंपियन ट्रॉफी और उसके बाद आईपीएल की धूम यूं ही नहीं मची है। इस बीच संभल सहित पूरे देश में होली बनाम रमजान के जुम्मे पर भी बतकुच्चन जारी है। इस बार खबर है की आईपीएल की कमेंटरी में भोजपुरी का भी तड़का लगाया गया है, ताकि डंकापति के रणबांकुरे बिहार जीत सकें। आईपीएल में भोजपुरी में कमेंट्री सुनकर खुश होने की बजाय ऐसा लगा, मानो भोजपुरी फिल्मों का कोई कम बजट वाला अभिनेता किसी १०वीं फेल लेखक द्वारा लिखा हुआ स्क्रिप्ट रटकर कमेंट्री कर रहा हो! शब्द और प्रस्तुति दोनों ही स्तरहीन। इससे भोजपुरी का सम्मान नहीं बढ़नेवाला, बल्कि इसकी छवि खराब होनेवाली है। ‘शुरुआत’ करने के नाम पर स्तरहीनता को बढ़ावा देने से भोजपुरी का सिर्फ नुकसान ही होनेवाला है। इन सब नाट्य प्रयोगों का मकसद एक ही है युवाओं को बेरोजगारी महसूस ही न होने दो!!
‘गद्दारों’ की पहचान कब
अमदाबाद के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने २,००० पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने स्वीकार किया कि पार्टी के भीतर गद्दार हैं। सवाल यह है २०२२ की हार के बाद महाराष्ट्र के एक दलित नेता को आंतरिक तोड़फोड़ करनेवालों की पहचान करने का काम सौंपा गया और संदिग्धों की एक सूची सौंपी गई। इस सूची पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, यहां तक कि कुछ को पदोन्नत भी किया गया। वरिष्ठ कार्यकर्ता राहुल के आकलन से सहमत हैं, लेकिन आश्चर्य है कि क्या कभी कोई कार्रवाई की जाएगी। केवल समय ही बताएगा…!
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)

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