अजय भट्टाचार्य
पिछले मंगलवार को हरियाणा में मुख्यमंत्री बदलने के बाद कैबिनेट विस्तार हो गया है। कैबिनेट में ८ नए चेहरे शामिल किए गए हैं, जहां सात मंत्रियों ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ ली तो वहीं एक विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली। खास यह है कि पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को दरकिनार कर दिया गया। कैबिनेट विस्तार में अनिल विज को कोई जगह नहीं मिली है। पूर्व गृहमंत्री अनिल विज नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही नाराज चल रहे हैं। कहा जा रहा था कि मनोहर लाल खट्टर को हटाए जाने के बाद अनिल विज का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे था। हालांकि, उनकी बजाय नायब सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया। इसके बाद से ही वे खफा हैं। कैबिनेट विस्तार ने ये साफ कर दिया है कि भाजपा में उनका कद लगातार कम हो रहा है। हरियाणा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम १४ मंत्री हो सकते हैं। सैनी के शपथ ग्रहण समारोह के समय वे अंबाला में गोलगप्पे खा रहे थे। आखिरकार उनका दर्द जुबां पर इस अंदाज में आया, ‘छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी, नए दौर में लिखेंगे नई कहानी।’
अंबा अड़ी, ईडी पीछे पड़ी
अगर झारखंड की बड़कागांव विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद साहू ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सुनी होती तो आज चतरा लोकसभा सीट पर उम्मीदवार के तौर पर भाजपा की सूची में उनका नाम भी शामिल होता। अंबा ने भाजपा-संघ की नहीं सुनी और इसीलिए महीने के दूसरे पखवाड़े में अंबा और उनसे जुड़े लोगों के १७ ठिकानों पर ईडी की धुआंधार छापेमारी हुई। अंबा ने आरोप लगाया है कि भाजपा के टिकट पर चतरा से चुनाव लड़ने की पेशकश से इनकार करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी उन्हें परेशान कर रही है। मैंने चतरा से चुनाव लड़ने को नजरअंदाज कर दिया…इसलिए वे लंबे समय से मुझ पर दबाव बना रहे हैं। भाजपा और आरएसएस के वरिष्ठ नेता चाहते थे कि मैं चुनाव लडूं। लेकिन मैंने इसे लगातार नजरअंदाज किया। हम चतरा से बहुत मजबूत हैं और बड़कागांव से लगातार तीसरी बार जीत रहे हैं और इस क्षेत्र में कांग्रेस के पास बहुत मजबूत चेहरा है। अंबा लोकसभा चुनावों के लिए चतरा से सबसे मजबूत उम्मीदवार मानी जा रही हैं। उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाकर प्रतियोगिता से बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल, चतरा में भाजपा के पास कोई दमदार चेहरा नहीं है। चतरा, सिमरिया, लातेहार और मनिका विधानसभा आरक्षित सीटें हैं, जबकि चतरा एक अनारक्षित संसदीय क्षेत्र बना हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में अंबा ९८८६२ वोट पाकर चुनाव जीती थीं जबकि ३१७६१ वोट पाकर भाजपा उम्मीदवार लोकनाथ महतो तीसरे स्थान पर रहे थे। दूसरे स्थान पर आजसू के रोशन चौधरी रहे थे। उन्हें ६७३४८ वोट मिले थे। अंबा का आरोप है कि ईडी अधिकारियों ने उनके मोबाइल फोन और फाइल छीन ली, जिसमें विधानसभा सत्र के दौरान उनके द्वारा उठाए गए सवाल शामिल थे।
टिकट कटा, प्रेम घटा
वाईएसआरसी के दो विधायकों वुन्नामतला एलिजा और वी वरप्रसाद राव ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिए जाने के बाद पार्टी को नमस्कार कर नई राह पकड़ ली है। चिंतलपुडी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली एलिजा (६३) आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) अध्यक्ष वाईएस शर्मिला रेड्डी की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं। वाईएसआरसी पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा वाईएसआरसी उम्मीदवारों के बड़े पैमाने पर फेरबदल के हिस्से के रूप में, सत्तारूढ़ दल ने २०२४ विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित चिंतलपुड़ी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए कंभम विजया राजू को टिकट थमा दिया, जिसकी प्रतिक्रिया में एलिजा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद वरप्रसाद राव जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़कर दिल्ली जानेवाली फ्लाइट में चढ़े और सीधे भाजपा मुख्यालय में जा टपके। राव ने २०१९ में गुडुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। एससी-आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र गुडुर से चुनाव लड़ने के लिए इस बार मेरिगा मुरलीधर को टिकट मिलने से राव ने पाला बदल लिया। २०१४ में पूर्व आईएएस अधिकारी राव ने तिरूपति लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। वाईएसआरसी ने ८१ विधानसभा और १८ लोकसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के नामों में फेरबदल किया है। आंध्र प्रदेश में १७५ सीटों और २५ लोकसभा सीटों वाली विधानसभा के लिए १३ मई को मतदान होगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)