मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : किसकी लाड़ली!

झांकी : किसकी लाड़ली!

अजय भट्टाचार्य

महाराष्ट्र सरकार की बहुप्रचारित चुनावी चूरन गोली लाड़ली बहना योजना को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन में तलवारें खिंची हुई हैं। प्रशासनिक कारणों से इसका नाम मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना रखने से मुख्यमंत्री के इलाके में जो पोस्टरबाजी हुई उसमें दोनों उपमुख्यमंत्रियों के चेहरे गायब थे। जाहिर बजट बनानेवाले दादा की पार्टी को यह बात बुरी लगी और सुपर (उप)मुख्यमंत्री की पार्टी को दादा की पार्टी से ज्यादा बुरी लगी। दादा ने तो सोशल मीडिया, वेबसाइट मंच पर अपने बजट की खासियत बताते हुए लाड़ली बहन योजना पर वीडियो चलवाकर इसे अपना बताना शुरू किया। अब बारी नागपुर वाले नेताजी की थी, सो काफी सोच-विचार के बाद बहना के लिए आपला भाऊ देवा भाऊ मुहिम शुरू हुई है। देवेंद्र से देवा तक की इस यात्रा का मकसद यह है कि लाड़ली बहन योजना भाऊ के आशीर्वाद का नतीजा है। फिलहाल, मुख्यमंत्री को भी हड़का दिया गया है कि पोस्टरबाजी करते वक्त दोनों स्टेपनी का भी ख्याल रखा जाए।
जवाब का दबाव
प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी की आगामी १५ से १७ सितंबर के बीच गुजरात के दौरे पर होंगे। उनके इस दौरे से भाजपा विधायक और मंत्री दबाव महसूस कर रहे हैं। मंत्री और नौकरशाह अथक परिश्रम कर रहे हैं, रात-दिन एक करके रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और प्रधानसेवक के संभावित प्रश्नों के उत्तर तैयार कर रहे हैं। राज्य ने हाल ही में कई चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें राजकोट अग्नि त्रासदी, बाढ़, शिक्षकों के आंदोलन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे शामिल हैं। अंदेशा है कि महाबली इनमें से किसी के बारे में भी पूछ सकते हैं, जिससे अधिकारी किसी भी चीज के लिए तैयार रहने के लिए संघर्ष करेंगे। एक वरिष्ठ नौकरशाह की पलक झपकाते हुए टिप्पणी है कि हर कोई यह दिखाने की कोशिश करेगा कि वे अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन प्रधान को सब पता है।
घर से काम, मंत्री को फटकार
गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटील ने एक वरिष्ठ मंत्री को उनके आधिकारिक कामकाज को ‘घर से’ करने पर सख्त लहजे में हड़काया है। मंत्री पर अपने बंगले में कार्यालय होने के बावजूद, अपने आधिकारिक कार्यक्षेत्र के बाहर तबादलों और निविदा जैसे कार्यों को संभालने का आरोप लगाया गया है। पाटील ने मंत्री को अपने घर का दफ्तर बंद करने का निर्देश दिया है, जिससे मंत्री की शिकायतें बढ़ गई हैं। उनका तर्क है कि वह केवल आगंतुकों को समायोजित कर रहे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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