कविता श्रीवास्तव
अक्सर यह देखा गया है कि देश में जब-जब चुनाव होते हैं कुछ राजनीतिक दल मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए गैर जरूरी मुद्दों को हवा देते हैं। इन दिनों जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। देश की राजधानी नई दिल्ली और आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण महाराष्ट्र में शीघ्र ही विधानसभा चुनाव होने हैं। कुछ अन्य राज्यों में भी विधानसभा के चुनाव होने को हैं। चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न, किसानों की समस्या आदि के मुद्दे हावी हैं। लेकिन इसी समय कुछ लोगों ने कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के बयान को हवा दे दी है। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी को आतंकवादी कह डाला। वे शायद ये भूल रहे हैं कि वे देश के जिस सम्मानित सदन के सदस्य हैं राहुल गांधी भी उसी सदन के सदस्य और विरोधी दल के नेता हैं। राहुल गांधी के बयान को ऐसी हवा दी गई है मानो वह पूरे देश के खिलाफ हो। जबकि राहुल गांधी ने आरक्षण पर केवल इतना कहा है कि जब सबको समान अधिकार मिल जाएगा तब आरक्षण समाप्त किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि यदि उनकी सरकार आयी तो वर्तमान में जारी ५० फीसदी आरक्षण को और भी बढ़ाया जा सकता है। लेकिन आरक्षण बढ़ाने के उनके इस बयान को कहीं नहीं दिखाया जा रहा है। इसी तरह उन्होंने सिखों के बारे में जो बयान दिया उसे आपत्तिजनक बताकर अब राहुल गांधी की जीभ काटने, उनकी जीभ को जलाने, उन्हें आतंकवादी तक कहने के मामले ने जोर पकड़ा है। केंद्र के मंत्री ने उन्हें आतंकवादी कह दिया। इससे भाजपा का पासा उल्टा पड़ गया। मंत्री की इस बात ने कांग्रेस को लगे हाथों मुद्दा दे दिया है। अब कांग्रेसी देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं। रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। कांग्रेस इस बयान से आगबबूला है, जो स्वाभाविक है। बुधवार को कांग्रेस ने दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक विरोध प्रदर्शन किया। कई जगह रवनीत बिट्टू के पुतले फूंके गए। रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ समेत अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। कांग्रेसियों की मांग है कि रवनीत सिंह अपने बयान के लिए माफी मांगें। कांग्रेस ने कहा है कि वे संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और किसी से डरने वाले नहीं हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के खिलाफ हुई `हेट-स्पीच’ और धमकियों पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। कांग्रेसियों ने मामला भी दर्ज कराया है। जितना सत्ता पक्ष के लोग मुद्दा उठा रहे हैं उससे ज्यादा कांग्रेसी भी विरोध कर रहे हैं। सवाल यह भी है कि राहुल गांधी की बात को `हेट-स्पीच’ कहनेवाले अब उन `हेट-स्पीच’ पर क्या कहेंगे, जिसमें देश के एक नेता को आतंकवादी कहा गया है। उनकी जीभ काटने और जीभ जलाने की बात कही गई है। क्या ये `हेट-स्पीच’ नहीं है? इस तरह की धमकियों की राजनीति से क्या संदेश जाता है? वह भी उस नेता के लिए जिसकी दादी और पिता को आतंकवादी उससे पहले ही छीन चुके हैं, फिर भी जो आम आदमी के मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहा है।