कविता श्रीवास्तव
देश के शीर्ष क्रिकेटर रोहित शर्मा ने अपनी निजता और गोपनीयता को लेकर असहजता महसूस की है। ब्रॉडकास्टर द्वारा उनकी निजी बातचीत को भी सार्वजनिक किए जाने को लेकर बवाल मचा हुआ है। कोई भी खिलाड़ी, सेलिब्रिटी या आम व्यक्ति अपनी निजता को सुरक्षित रखने के लिए अधिकारप्राप्त है। यह हमारे मूलभूत अधिकार का मामला है। किसी की निजी बातचीत को सार्वजनिक किया जाना उसके अधिकारों का उल्लंघन ही है। रोहित शर्मा नामी क्रिकेटर हैं। सेलिब्रिटी हैं। उनकी निजता का सार्वजनिक होना बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित कर सकता है। संभवत: इसलिए ब्रॉडकास्टर ने उनके मना करने के बावजूद उनके ऑडियो-वीडियो को सार्वजनिक किया। इसे लेकर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई है। हम जानते हैं कि क्रिकेट केवल खेल ही नहीं है। यह क्रिकेट से जुड़े लोगों के लिए बहुत बड़ा व्यवसाय भी है। क्रिकेट में सट्टेबाजी, स्पॉन्सरशिप, लाइव टेलीकास्ट, एडवरटाइजमेंट से लेकर आईपीएल जैसे पूरी तरह व्यावसायिक उपक्रम भी चलाए जाते हैं। खिलाड़ियों की बाकायदा बोली लगती है। हमारे देश में क्रिकेट के खेल में सबसे ज्यादा पैसा है। क्रिकेट को खेलने के लिए, क्रिकेट सीखने के लिए और क्रिकेट देखने के लिए भी भारी रकम खर्च होती है। क्रिकेटरों पर खूब धन लगाए जाते हैं। क्रिकेट ही ऐसा खेल है, जहां से खूब कमाई होती है इसीलिए ढेर सारी स्पॉन्सरशिप क्रिकेट को मिलती है। हमारे देश के क्रिकेटर सेलिब्रिटी बन जाते हैं। केवल क्रिकेट के ही दम पर ढेर सारे लोगों ने ‘पद्मश्री’ जैसे अवॉर्ड लिए हैं। क्रिकेट खेलनेवाले सचिन तेंदुलकर को ‘भारत रत्न’ जैसा सर्वोच्च सम्मान भी प्रदान किया गया है। यह क्रिकेट की लोकप्रियता का चरम ही है। वैसे दुनियाभर में क्रिकेट खेलनेवाले देशों की संख्या चुनिंदा ही है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अमेरिका, रूस, जापान, चीन जैसे कई बड़े देश नहीं होते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट से कहीं ज्यादा लोकप्रिय खेल फुटबॉल है। हॉकी, बैडमिंटन, एथलेटिक्स जैसे खेल दुनियाभर के अनेक मुल्कों में खेले जाते हैं, लेकिन अंग्रेजों का यह खेल भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका में ज्यादा लोकप्रिय है। ये क्षेत्र वर्षों तक अंग्रेजों के आधिपत्य में रहे हैं। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडीज, साउथ अप्रâीका में भी क्रिकेट खूब लोकप्रिय है। इतने कम देशों में खेले जाने के बाद भी क्रिकेट के खिलाड़ियों का दुनियाभर में बोलबाला है। क्रिकेटरों के पीछे पैसा लगाने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां लालायित रहती हैं। यहां तक कि क्रिकेटरों के टी-शर्ट, टोपी, उनके बैट, उनके बैग आदि पर भी अपना ‘लोगो’ लगाने के लिए प्रतिस्पर्धा सी मची रहती है। क्रिकेटरों के एक बार चमक जाने के बाद उन्हें सेलिब्रिटी का दर्जा मिल जाता है। उनकी ढेर सारी बातों पर भी तमाम तरह के वीडियोज, मीम और तरह-तरह की खबरें सोशल मीडिया और अखबारों में छाई रहती हैं। इसीलिए निजता की गोपनीयता सार्वजनिक होने पर अन्य सेलिब्रिटीज की तरह क्रिकेट खिलाड़ियों का असहज होना स्वाभाविक है, इस पर रोक लगनी चाहिए।