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तड़का : चलो हम भी खेलें

कविता श्रीवास्तव

टी-२० विश्वकप जीतकर भारतीय क्रिकेट टीम स्वदेश लौट आई है। दिल्ली में प्रधानमंत्री द्वारा स्वागत के तुरंत बाद टीम इंडिया मुंबई पहुंची। खुले वाहन में विजय रैली निकाली तो मुंबईवासियों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर गर्मजोशी से खिलाड़ियों का अभिवादन किया और जश्न मनाया। किसी एक खेल में वैश्विक सफलता के बाद पूरा देश किस तरह जोश और जुनून में एकजुट होकर, एक भावना से तिरंगे को लहराकर खुश हो रहा है, गौरवान्वित महसूस कर रहा है, यह हम सभी की राष्ट्रभावना का प्रमाण है। कोई भी खेल मनुष्य के मानसिक, शारीरिक, और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। खेल हमें स्वस्थ रखने, दिमाग की क्षमता को विकसित करने, प्रतिस्पर्धा का अभ्यास करने और टीमवर्क करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है। हमें सकारात्मक रूप से सोचने, संघर्ष करने और जीतने की क्षमता प्रदान करता है। इसीलिए खेल पर सरकारें खासा खर्च करती हैं। जगह-जगह खेल के मैदान और तमाम खेल अकादमी, खेल प्राधिकरण, खेल संस्थानों से लेकर महत्वपूर्ण समझा जाने वाला खेल मंत्रालय भी सरकार बनाती है। उद्देश्य यही होता है कि आम लोगों का खेल से जुड़ाव बना रहे। संसाधनों की कमी न हो। प्रतिभाओं को अवसर मिले। देश का मान-सम्मान बढ़े, क्योंकि खेल मानवीय गतिविधि है, जिसमें शारीरिक परिश्रम और कौशल ही सफलता दिलाता है। इसमें प्रतिस्पर्धा और सामूहिक भागीदारी के महत्वपूर्ण तत्व शामिल होते हैं। अनुशासन के साथ अपने आपको नियंत्रित करने वाले व्यवहार के और टीम भावना के गुणों का विकास होता है। हमने देखा कि क्रिकेट के फाइनल मैच में भी जब भारतीय टीम पूरी एकजुट होकर खेल रही थी तो समूचा देश उसे लाइव देख रहा था। जो जहां भी था, आस-पास के लोगों में भी एक टीम भावना थी। सब एक-दूसरे से हाथों पर ताली मारकर, एक-दूसरे से गले मिलकर जो भाईचारा दिख रहे थे वह खेल के माध्यम से ही संभव हुआ। खेल इतना महत्वपूर्ण है कि मुंबई हाई कोर्ट ने भी हाल ही में एक मामले में कहा है कि सरकार खेलों को महत्व दे, क्योंकि आम खेल लोगों और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जजों ने कहा कि प्रगतिशील राज्य अपने समाज की जरूरतों से कभी अनजान नहीं हो सकता है। कोर्ट ने नई मुंबई के घणसोली में बनने वाले एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को ११५ किमी दूर रायगड में शिफ्ट करने के आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। खेल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि अधिकारियों को खुली जगहों, खेल के मैदान से जुड़े नागरिकों के अधिकारों को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। नए विकसित हो रहे इलाकों में सुविधाओं की कमी दिख रही है, उसके मद्देनजर जमीन के व्यावसायिक दोहन को रोकने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। नागरिकों को खेल सुविधाओं से वंचित करना पूरी तरह से सार्वजनिक हित के खिलाफ है।

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