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तड़का : प्रशासनिक निष्ठुरता पर जनाक्रोश!

कविता श्रीवास्तव
देश में महिलाओं, नाबालिग कन्याओं और मासूम बच्चियों की सुरक्षा का मुद्दा गर्म है। शनिवार को महाराष्ट्र में विपक्षी दलों व कई सामाजिक संगठनों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। बीते हफ्ते मुंबई से सटे बदलापुर में मासूम बच्चियों के साथ गंदी हरकत करने की घटना पर इतना जनाक्रोश बढ़ा कि लोगों ने ट्रेन की पटरियों और सड़कों पर आगमन ठप कर दिया। पुलिस पर पथराव हुआ। हिंसा व तोड़-फोड़ हुई। यह वारदात तब हुई है, जब कोलकाता के एक अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ यौनाचार करके उसकी हत्या करने के मामले पर पूरे देश में गर्मागर्मी है। ऐसी वारदातें उत्तराखंड, झारखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में भी हुई हैं। महाराष्ट्र में कई ठिकानों पर यौन उत्पीड़न के मामले हुए हैं। इन सबके बीच दुराचारियों की हरकतें रुक नहीं रही हैं। रोज ही ऐसी खबरें आ रही हैं। इसी बात को लेकर पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवालों की झड़ी सी लग गई है। कुछ मामलों को दबाए जाने की शंकाओं को लेकर भी खासा बवाल मचा हुआ है। कोलकाता के आईजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर के मामले को १४ घंटे तक लटकाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किए हैं। पीड़ित के परिवार को जानकारी न देना, एफआईआर दर्ज करने में १४ घंटे से ज्यादा का विलंब करना और कुछ अन्य बातें हैं, जिनसे मामले को दबाए जाने या आरोपी को बचाए जाने की शंकाएं पैदा होती हैं। इसी तरह महाराष्ट्र के बदलापुर मामले में भी पुलिस ने फौरन कार्रवाई नहीं की। स्कूल प्रशासन ने भी विलंब किया। जनता के तीव्र आंदोलन के बाद प्रशासन तेजी से सक्रिय हुआ। इस मामले पर मुंबई हाई कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि यदि स्कूल ही असुरक्षित हैं तो शिक्षा के अधिकार की बात ही बेमानी है। हाई कोर्ट ने कहा कि प्रशासन तब तक एक्शन नहीं लेता है जब तक कि आम जनता की भावना जनाक्रोश के रूप में भड़क नहीं उठती है, यह बात बहुत ही अफसोसजनक है। मुंबई हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न से ही संबंधित एक अन्य मामले में कहा है कि किसी महिला की मर्यादा से खिलवाड़ करना भी यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। आपत्तिजनक इशारे करना या शब्दों अथवा ईमेल के जरिए भी किसी को अपमानित करना उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। हम देखते हैं कि प्रशासनिक कार्रवाई में ढिलाई की अदालतें कलई खोल देती हैं। महाराष्ट्र के बदलापुर कांड पर जनता ने जब चक्का जाम किया तब जाकर प्रशासनिक हलचल तेज हुई। जांच बैठाई गई। कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया गया। स्कूलों में बच्चियों की सुरक्षा पर आदेश जारी हुए। यूपी के अयोध्या में रेप के आरोपी की संपत्ति पर बुलडोजर एक्शन हुआ। कोलकाता रेप और मर्डर मामले पर देश भर में धरना-प्रदर्शन जारी है। प्रशासन जब निष्ठुरता दिखाएगा तो ऐसा जनाक्रोश उत्पन्न होना स्वाभाविक है। इसलिए ऐसे मामलों में प्रशासन को सख्त और तत्पर रहना होगा।

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