• पानी में झुका कर पीठ पर बरसाए डंडे
सिनियर की शर्मनाक करतूत
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे शहर से एक बेहद शर्मसार करनेवाला मामला सामने आया है, जिसमें ठाणे के जोशी-बेडेकर कॉलेज में एनसीसी छात्रों पर तालिबानी अत्याचार किया गया है। जानकारी के अनुसार, जमा हुए बारिश के पानी में इन छात्रों को झुकाया गया और उनके सिर को डूबाकर खड़े रहने की अघोरी सजा दी गई। सबसे चौंकानेवाली बात यह कि इस दौरान एक सीनियर छात्र उनकी पीठ पर डंडे बरसाता भी नजर आया। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हंगामा मच गया है।
जोशी-बेडेकर कॉलेज परिसर में बांदोडकर, बेडेकर व पॉलिटेक्निक इन तीनों विभागों के छात्रों को संयुक्त रूप से एनसीसी प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को आर्मी और नेवी के लिए प्री-ट्रेनिंग की शिक्षा दी जाती है। इस प्रशिक्षण के दौरान यदि छात्र कोई गलती करते हैं, तो उन्हें सजा भी दी जाती है। लेकिन इस कॉलेज में अमानवीय सजा दिए जाने की जानकारी सामने आई है। कॉलेज में कल भारी बरसात में एनसीसी की ट्रेनिंग शुरू की गई थी। इन छात्रों को जमा हुए बारिश के पानी में झुकाकर खड़ा किया गया और उन्हें अपने मुंह को पानी में डुबोकर खड़े रहने की सजा दी गई। इस बीच यदि कोई छात्र अपना मुंह पानी से बाहर निकालता, तो उसके सीनियर उसे पीछे से लकड़ी के डंडे से बेरहमी से पीटते थे। इससे छात्र तड़पने लगते थे।
छात्रों ने नहीं की शिकायत
मारपीट करनेवाले सीनियर छात्रों का कॉलेज में इतना खौफ है कि जूनियर छात्र उनके सामने मुंह तक नहीं खोल रहे हैं। इतना ही नहीं उनके माता-पिता भी शिकायत करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, लेकिन कॉलेज में एक बुद्धिमान छात्र ने बहादुरी से इस घटना को अपने मोबाइल फोन में शूट किया तब इस तालिबानी अत्याचार का भंडाफोड़ हो सका।
बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ऐसा व्यवहार… होगी कार्रवाई
इस वीडियो के वायरल होने के बाद जोशी-बेडेकर कॉलेज की प्रिंसिपल सुचित्रा नाईक ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने यह कहा कि कॉलेज प्रशासन इस तरह का व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही पिटाई करनेवाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।
एनसीसी के हेड सीनियर छात्र ही होते हैं। लेकिन इस तरह का व्यवहार बहुत ही घृणित है। इससे एनसीसी की ओर से किए गए अच्छे कार्य भी दब गए हैं। यह वाकया शिक्षकों की अनुपस्थिति में हुआ है। संबंधित छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ऐसा होने से रोकने के लिए हम एक समिति का गठन कर रहे हैं। छात्रों को घबराना नहीं चाहिए और एनसीसी छोड़ने के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए।
-सुचित्रा नाईक, प्राचार्य, जोशी-बेडेकर कॉलेज