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बात-जज्बात : ऑटोरिक्शा ‘घोड़े’ से परेशान यात्री…!

राज ईश्वरी
आप मुंबई उपनगर में रहते हैं या फिर ठाणे, नई मुंबई या फिर आगे तो आपके लिए ऑटोरिक्शा यातायात का सुलभ और अति आवश्यक साधन है। ऑटोरिक्शा, टैक्सी और निजी वाहनों से अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है। आसानी से मिल भी जाता है, लेकिन तकलीफ तब होती है जब आपको ऑटोरिक्शा का किराया भी टैक्सी और कभी-कभी उससे ज्यादा देना पड़ता है। मजबूरी आपकी होती है क्योंकि अक्सर आप इतनी जल्दबाजी में होते हैं या हालात ऐसे होते हैं कि आप चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते… और यह जानते हुए कि आप अधिक किराया दे रहे हैं, आप मन मसोस कर किराया दे देते हैं! वहीं ऑटोरिक्शा ड्राइवर आपसे बहस भी करता है, आपको कन्विंस करने के लिए कहता है कि आप मीटर चेक कर लीजिए, आप वही किराया दे रहे हैं जो मीटर बता रहा है!
हम सभी ऑटोरिक्शा ड्राइवरों को कटघरे में खड़ा नहीं कर रहे, लेकिन हाल ही में दो मामले सामने आए हैं, जिससे यह साबित हो गया कि ऑटोरिक्शा के मीटर टेंपर किए गए यानी उनको फास्ट कर दिया गया। आम बोलचाल की भाषा में इसे ‘घोड़ा’ नाम दिया गया है। घोड़ा जो तेज गति का द्योतक है, ईमानदारी और स्वामी भक्ति के लिए जाना जाता है, को ऑटोरिक्शा वालों ने बदनाम कर दिया है। अधिकतर ऐसे ऑटोरिक्शा वाले कुर्ला रेलवे स्टेशन, बांद्रा टर्मिनस रेलवे स्टेशन, बोरीवली रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट परिसर में दिखाई पड़ते हैं। जानकार बताते हैं कि उनका अपना एक गिरोह है। कुछ ऑटोरिक्शा वाले ऐसे भी रिपेयरिंग करनेवालों के पास से अपने मीटर को फास्ट करवा देते हैं, जिससे किराया अधिक आता है।
हालांकि, यह मामला नया नहीं है। कुछ साल पहले आरटीओ ने मुहिम चलाई थी और काफी हद तक इस पर अंकुश लगाने में कामयाबी भी मिली थी, लेकिन समय के साथ-साथ घोड़ा मीटर फिर से तेजी पकड़ने लगा है। ऑटोरिक्शा यूनियनें घोड़ा मीटर के खिलाफ हमेशा से रही हैं, लेकिन कुछ मछलियां सारे तालाब को गंदा कर ही देती हैं। आरटीओ ने यात्रियों को आगाह करने के लिए वीडियो मैसेज भी सर्वुâलेट किए हैं और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। अगर आपको ऑटोरिक्शा के मीटर को लेकर संदेह होता है तो आप उसकी शिकायत कर सकते हैं। पूर्वी उपनगर के लिए व्हॉट्सऐप नंबर है ९१५२ २४०३०३, अंधेरी आरटीओ का व्हॉट्सऐप नंबर है ९९२०२४०२०२ और बोरीवली आरटीओ का व्हॉट्सऐप नंबर है ८५९१९४४७४७। वैसे भी हर ऑटोरिक्शा में एक हेल्पलाइन नंबर लिखा हुआ होता है। फिर भी अगर आपको परेशानी है तो आप सीधे-सीधे नजदीकी पुलिस चौकी या किसी भी आरटीओ से जुड़े पुलिसकर्मी से शिकायत कर सकते हैं। अगर हालात बिगड़ जाते हैं तो पुलिस का १०० नंबर आपको याद ही होगा।

 

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