-बदलापुर कांड के बाद अब सभी शिक्षकों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन
नागमणि पांडेय / मुंबई
बदलापुर कांड के बाद अब राज्य के टीचर्स भी टेंशन में हैं। अब सभी स्कूलों के टीचर्स को पुलिस वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया गया है। इस आदेश से वर्षों से स्कूलों में पढ़ा रहे टीचर्स की परेशानी बढ़ गई है। बता दें कि बदलापुर में दो नाबालिग छात्राओं के साथ स्कूल में किए गए दुष्कर्म की घटना के बाद शिक्षकों पर ही जांच की आंच गिरी है। शिक्षकों के साथ ही स्कूल के अन्य सभी कर्मचारियों का भी पुलिस वेरिफिकेशन करने का आदेश ईडी सरकार ने दिया है। इस पर शिक्षकों की मिली- जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
दोबारा पुलिस वेरिफिकेशन से शिक्षकों में नाराजगी!
‘ईडी’ सरकार के कार्यकाल में राज्यभर में महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। बदलापुर कांड के बाद अब सभी स्कूलों के शिक्षकों को पुलिस वेरिफिकेशन कराने को कहा गया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है।
बता दें कि बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग छात्राओं के साथ स्कूल के ही सफाई कर्मचारी द्वारा दुष्कर्म की घटना सामने आई। इसकी जानकारी परिवार वालों को हुई तो वे शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचे। उन्हें वहां ११ घंटे बैठाए रखा गया और तब जाकर शिकायत दर्ज हुई। इस घटना के खिलाफ बदलापुर के स्थानीय नागरिकों द्वारा रेल रोको आंदोलन भी किया गया। नागरिकों के गुस्से को देखते हुए गृह विभाग और शिक्षा विभाग ने एक बैठक की और मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। बैठक के दौरान सभी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों की पुलिस वेरिफिकेशन करने का निर्णय लिया गया, जिसके बाद अब सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा। इस निर्णय को लेकर वर्षों से स्कूल में तैनात शिक्षकों में नाराजगी है। शिक्षकों का मानना है कि जब शिक्षकों की भर्ती होती है, उसी समय वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। कई स्कूलों में पहले से वेरिफिकेशन कराया गया है। इसके बावजूद वापस वेरिफिकेशन कर शिक्षकों और कर्मचारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है।
बच्चों के खिलाफ बढ़े अपराध
एनसीआरबी रिपोर्ट से पता चलता है कि बच्चों के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि देखी गई है। २०२३ और २०२४ की रिपोर्टों में दर्शाए गए आंकड़े इस समस्या की गंभीरता को उजागर करते हैं। २०२४ में बच्चों के खिलाफ अपराधों में ८.७३ फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें पिछले वर्ष दिल्ली में सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओडिशा अन्य प्रमुख राज्य हैं। अपहरण और यौन शोषण के मामले विशेष रूप से चिंताजनक बने हुए हैं और इनसे संबंधित अपराधों में भी वृद्धि देखी गई है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकारी और सामाजिक संगठनों को मिलकर इस समस्या के समाधान की दिशा में कार्य करना होगा।
-पुलिस वेरिफिकेशन करना सही है, लेकिन यह जब शिक्षकों की भर्ती हुई थी, उसी समय किया जाना चाहिए था। अब तो कई जगहों पर शिक्षकों की नियुक्ति को काफी समय बीत चुका है।
-मनीषा जायसवाल, (सायन)
-पुलिस वेरिफिकेशन से अधिक जोर स्कूल और बसों में सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए, स्कूलों के हर कोने के साथ ही क्लास में भी वैâमरे लगाए जाने चाहिए। वैâमरे लगाए जाने के साथ ही उसकी लॉगिंग पुलिस और अभिभावकों को भी दिए जाने चाहिए।
-ज्योति दुबे, (ठाणे)