सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की लाडली बहनों के बाद वरिष्ठ नागरिकों को खुश करने के लिए महायुति सरकार ने मुफ्त ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ की घोषणा की है। हालांकि, योजना का लाभ लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी अस्पताल का फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों के हृदय रोग, त्वचा रोग, श्वसन विभाग समेत विभिन्न ओपीडी में स्वास्थ्य जांच के लिए बुजुर्गों की भीड़ लग रही है। इससे वे काफी परेशान हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के साठ वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त तीर्थयात्रा के लिए जुलाई में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की घोषणा की। इस योजना के लिए निर्धारित शर्तों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी अस्पताल से फिटनेस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए हृदय रोग, श्वसन विकार व अन्य विकार न होने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है। इस बीच यह स्पष्ट होता दिखाई दे रहा है कि सरकारी अस्पतालों से यह प्रमाणपत्र पाना वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है। वरिष्ठ नागरिकों को यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कम से कम तीन से चार बार अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।