हेलिकॉप्टर क्रैश में विदेशमंत्री सहित ९ की गई जान
हिजाब कानून में भी अपनाया था सख्त रुख
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
ईरान के ६३ वर्षीय राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई। उनके साथ हेलिकॉप्टर में विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत ९ लोग सवार थे, जिसमें सभी लोगों की मौत हो गई। इब्राहिम रईसी को ‘तेहरान का कसाई’ भी कहा जाता था। बताया जाता है कि उन्होंने एक साथ ५ हजार लोगों को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी।
मिला ‘द बुचर ऑफ तेहरान’ का तमगा
एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार ईरान में ‘डेथ कमिटी’ के रूप में पहचानी जाने वाली जांच समितियों की स्थापना की गई थी। इसमें धार्मिक न्यायाधीश, अभियोजक और खुफिया मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे। इन समितियों द्वारा मनमाने ढंग से हजारों बंदियों को मौत की सजा सुना दी गई। एमनेस्टी का दावा है कि इन समितियों ने पांच हजार से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी। साल १९८८ में सामूहिक फांसी के बाद ही रईसी को ‘द बुचर ऑफ तेहरान’ कहा जाने लगा।
हिजाब आंदोलन को कुचला था
रिपोर्ट के मुताबिक, रईसी के इशारे पर ही ईरान में दमन की दो सबसे कठोर कार्रवाइयां हुर्इं थीं। रईसी के राष्ट्रपति बनने के बाद हिजाब कानून में सख्ती की गई। सितंबर २०२२ में महिलाओं की ड्रेस से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोग मारे गए। इस दौरान रईसी ने काफी आक्रामक रुख अपनाया और प्रदर्शनकारियों पर भीषण कार्रवाई करते हुए आंदोलन को कुचला।