एस. पी. यादव
अपनी बेबाकी के लिए मशहूर और तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, हिंदी और मराठी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता प्रकाश राज का जन्म २६ मार्च, १९६५ को बंगलुरु में हुआ था। प्रकाश राज का असली नाम प्रकाश राय है, जिसे उन्होंने तमिल डायरेक्टर के. बालाचंदर के कहने पर बदला था। प्रकाश राज का मानना है कि प्रकृति के सानिध्य में रहना और मन में किसी के प्रति द्वेष न रखना ही किसी व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है।
प्रकाश राज ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई बंगलुरु के सेंट जोसफ स्कूल से की और उसके बाद सेंट जोसफ कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक किया। लगभग दो हजार नाटकों में अभिनय कर चुके प्रकाश राज ने सिनेमा जगत में अपने अभिनय करियर की शुरुआत दूरदर्शन के धारावाहिक `बिसिलु कुदुरे’ से की। प्रकाश राज ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत साल १९९८ में फिल्म `हिटलर’ से की थी, लेकिन पहचान उन्हें २००९ में रिलीज ‘वांटेड’ से मिली। ‘सिंघम’, ‘दबंग-२’, ‘बुड्ढा होगा तेरा बाप’, ‘जंजीर’ जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़नेवाले प्रकाश राज हाल ही में वेबसीरीज ‘मुखबिर’ में नजर आए। उल्लेखनीय है कि अपने उत्कृष्ट अभिनय के लिए प्रकाश राज अब तक पांच बार ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्राप्त कर चुके हैं।
दिल से काम, सबसे बेहतर व्यायाम
प्रकाश राज फिटनेस के लिए जिम जाकर पसीना बहाने के बजाय पैदल चलने, शांत वातावरण में प्राणायाम करने जैसे उपायों को महत्व देते हैं। उनका मानना है कि दिल लगाकर अपना काम करना ही सबसे बेहतर व्यायाम है। मौका मिलने पर प्रकाश राज ऊटी के अपने फॉर्महाउस ‘प्रकाशम’ जाकर खेती या बागवानी करते हैं या फिर तेलंगाना और कर्नाटक में उन्होंने जिन गांवों को गोद लिया है, वहां जाकर काम करते हैं। उनका कहना है कि निर्विकार भाव से प्रकृति के सानिध्य में रहना ही आपको चुस्त-दुरुस्त रखता है।
नारी सम्मान का अहम स्थान
स्त्रियों के सम्मान को अहम स्थान देनेवाले और नवरात्रि मनानेवाले प्रकाश राज महिला सम्मान पर बेहद मुखर होकर सुर्खियों में छा गए थे। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए प्रदर्शन कर रही महिलाओं के समर्थन में उन्होंने कहा था, ‘कोई भी धर्म जो किसी महिला को, मेरी मां को, पूजा करने से रोकता है, वो मेरा धर्म नहीं है।’ बकौल प्रकाश राज, `सभी धर्मों का सम्मान करना, बदले में सभी से सम्मान और आशीष हासिल करना हमारे देश की आत्मा में है। हमें समावेशी भारत का गुणगान करना चाहिए। भगवान को मानना या न मानना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण है दूसरों के यकीन का सम्मान करना।’
कमाई का २० प्रतिशत हिस्सा चैरिटी में
रहन-सहन के मामले में प्रकाश राज ‘सादा जीवन उच्च विचार’ को महत्व देते हैं। वे सुबह लगभग ९ बजे उठते हैं, क्योंकि अक्सर वे रात में ३ बजे सोते हैं। रात में रोजाना कुछ बेहतर पढ़ना उनका प्रिय शगल है। घर-परिवार के साथ समय व्यतीत करना, आम लोगों की बेहतरी के लिए अपनी क्षमता भर प्रयास करना उनकी रूटीन का हिस्सा है। प्रकाश राज अपनी कमाई का २० प्रतिशत हिस्सा चैरिटी में लगाते हैं।
खाना बनाने में पारंगत
प्रकाश राज की सुबह अक्सर अदरक-नींबू की चाय या फिर ग्रीन टी से होती है। नाश्ते में मसाला डोसा, उपमा या पोहा शामिल होता है। लंच और डिनर में भी अक्सर दाल, चावल, सब्जी, रोटी और कभी-कभार चिकन शामिल होता है। खाना बनाने में पारंगत प्रकाश राज को बिरयानी और सब्जियां बेहद पसंद हैं।
काजू-मटर की रेसिपी
सामग्री: पाव किलो मटर, ५० ग्राम काजू, २५ ग्राम नारियल का बुरादा, आधा चम्मच लाल मिर्च, आधा चम्मच हल्दी, आधा चम्मच गरम मसाला, एक चम्मच धनिया, एक चुटकी अमचूर, एक चुटकी हींग, आधा चम्मच जीरा, ४० ग्राम तेल, एक चुटकी शक्कर और स्वादानुसार नमक।
विधि: सबसे पहले कुकर में तेल गर्म कर हींग और जीरे का छौंक तैयार करें। फिर धीमी आंच कर उसमें नारियल का बुरादा डालकर उसे भूनें। गुलाबी होने पर काजू डालकर बड़े चम्मच से चलाएं। काजू भुन जाने पर अमचूर छोड़कर बाकी मसाले डाल दें और चलाकर दो मिनट बाद मटर और शक्कर डाल दें। अब एक गिलास पानी डालें। सब्जी चलाकर कुकर बंद करें। पांच मिनट बाद गैस बंद कर दें। रसेदार सब्जी में अमचूर डालकर परोसें।
फायदे: पर्याप्त फाइबर होने के कारण यह पाचनतंत्र को बेहतर करता है। गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है। मैग्नीशियम, पोटैशियम और एल-अर्जिनिन जैसे मिनरल्स से युक्त होने के कारण यह रक्त वाहिनियों के अवरोध दूर कर रक्त संचार को बेहतर करने में सहायक है। टाइप-२ डाइबिटीज रोगियों के लिए भी बेहतर है। इसमें मौजूद फैट और प्रोटीन भूख को शांत करने में सहायक है।
(लेखक स्वास्थ्य विषयों के जानकार, वरिष्ठ पत्रकार व अनुवादक हैं। ‘स्वास्थ्य सुख’ मासिक के संपादक रह चुके हैं।)