• बाइडेन प्रशासन का एक और डबल गेम
सामना संवादाता / नई दिल्ली
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के बहाने पाकिस्तान में अरबों डॉलर बहाने वाला अमेरिका एक बार फिर से आतंकवादियों का ‘अब्बा’ पाकिस्तान के साथ आतंकवाद का `खेल’ खेलने वाला है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने हमेशा से भारत के खिलाफ करने के लिए किया है। अमेरिकी पैसों की बदौलत ही पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अशांति के बीज बोए और अमेरिकी पैसों की बदौलत ही पाकिस्तान ने कश्मीर को अशांत रखा। वहीं जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट में फंसा हुआ है, उस वक्त पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि अमेरिका की तरफ से संकेत मिले हैं कि वो पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में फिर से मदद कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य समूहों द्वारा उत्पन्न आतंकवाद के नए खतरे से निपटने में पाकिस्तान की सहायता करने के लिए कुछ आतंकवाद विरोधी पहलों को पुनर्जीवित करने के संकेत दिए हैं। रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका की तरफ से ये संकेत दो दिवसीय काउंटर टेरेरिज्म डायलॉग के दौरान दिए गए हैं, जिसे पाकिस्तान होस्ट कर रहा था।
आतंकवाद पर अमेरिकी संकेत क्या हैं?
अमेरिकी दूतावास ने जो बयान जारी कर सुझाव दिया गया है कि अमेरिका अगस्त २०२१ में पड़ोसी अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने के बावजूद पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग बनाए रखना चाहता है। अमेरिकी दूतावास के इस बयान के बाद पाकिस्तान काफी खुश है, क्योंकि पाकिस्तान को लग रहा था कि अफगानिस्तान से निकलने के बाद अमेरिका उसे पूरी तरह से छोड़ देगा और उसकी थाली में डॉलर की बूंदे गिरनी बंद हो जाएंगी लेकिन अब पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी संकेत पाकिस्तान के लिए पॉजिटिव बात है। अमेरिकी बयान में कहा गया है कि आतंकवाद विरोधी वार्ता संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान के बीच कई क्षेत्रों में गहराते सहयोग को रेखांकित करती है। अमेरिका ने कई बहानों से अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए पाकिस्तान में डॉलर्स बरसाए हैं और एक बार फिर से अमेरिका कार्यक्रमों का सहारा ले रहा है।
कंगाल पाक को इंटरनेशनल कोर्ट में घसीटेगा ईरान
कंगाली के दलदल में फंसे पाकिस्तान को ईरान बहुत बड़ा झटका देने वाला है और ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट में घसीटने की धमकी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने कहा है कि वो पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में मुकदमा दायर करेगा। अगर ईरान ऐसा करता है, तो फिर पहले से ही आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाएगी, क्योंकि उसकी स्थिति अरबों डॉलर का जुर्माना भरने की नहीं है। रिपोर्ट में कहा है कि ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना (आईपी) को लेकर ईरान नाराज है और उसने धमकी दी है कि वो पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में मुकदमा करेगा। ईरान की धमकी के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ डर गए हैं और उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के बीच कानूनी लड़ाई से बचने के लिए राजनयिक चैनलों का उपयोग करने का इरादा रखना चाहिए। हालांकि, ईरान ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को अधिकारियों ने बताया है कि ये स्थिति के काफी ज्यादा संवेदनशील है लिहाजा शहबाज शरीफ डिप्लोमेटिक बातचीत का ऑफर दे रहे हैं। वहीं घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने कहा कि ईरान का दावा है कि उसने अपने क्षेत्र में ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना (आईपी) के पहले हिस्से का काम कर लिया है, जिसमें उसने २ अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान ने निर्माण पर काम करना भी शुरू नहीं किया है।