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ठाणे मनपा कंगाल केंद्र से मांगा कर्ज!

– ४६८ करोड़ रुपए का भेजा प्रस्ताव…५०० करोड़ रुपए है देनदारी

सामना संवाददाता / मुंबई

कोरोना काल से आर्थिक तंगी से जूझ रही ठाणे महानगरपालिका ने कर्ज भरने सहित अन्य कामों के लिए केंद्र सरकार के सामने झोली पैâलाई है। मनपा ने कर्ज लेने का निर्णय लिया है। इसी के तहत केंद्र सरकार के पास ४६८ करोड़ रुपए का कर्ज लेने का प्रस्ताव भेजा है। यह कर्ज बिना ब्याज का होगा।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही ठाणे महानगरपालिका ने बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से २१३ करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज लिया था। इसी तरह प्रशासन ने अब ४६८ करोड़ रुपए का और कर्ज लेने का निर्णय लिया है, जिसके लिए मनपा प्रशासन ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। कोरोना काल से राजस्व और व्यय की गणना बिगड़ने और देयता बोझ बढ़ने के कारण ठाणे मनपा वित्तीय संकटों का सामना कर रही है। पिछले वर्ष राज्य सरकार ने १०० करोड़ रुपए का पर्याप्त विकास अनुदान प्रदान किया था। मनपा को ९१४ करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
कोरोना काल समाप्त होने के बाद मनपा को वास्तव में राजस्व बढ़ाने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत थी। हालांकि, मनपा जो राज्य सरकार के अनुदान से ठाणे का विकास करने की बात कर रही थी, को कर संग्रह के मोर्चे पर करारा झटका लगा है। ठाणे मनपा पर अभी भी ४०० से ५०० करोड़ रुपए की देनदारी है। मनपा के खजाने में सड़क, पानी और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को करने और किए गए कार्यों के भुगतान के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है।
२१३ करोड़ रुपए केंद्र ने दिया
यही कारण है कि मनपा ने केंद्र सरकार से बुनियादी ढांचा विकास सुविधाओं के लिए प्रोत्साहन अनुदान और कर्ज योजना से २१३ करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। इस मांग को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार ने मनपा को प्रथम चरण में ११५ करोड़ रुपए तथा उसके बाद ९८ करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया।

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