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गर्दुल्लों का गढ़ बना ठाणे रेलवे स्टेशन! …आखिरी लोकल गुजर जाने के बाद

एक्शन मोड में आती है ठाणे रेलवे पुलिस
सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे रेलवे स्टेशन परिसर अब गर्दुल्लों का गढ़ बनता जा रहा है। ठाणे रेलवे स्टेशन के पूर्व और स्टेशन के बाहर निकलते ही स्टेशन परिसर में गर्दुल्ले सोते नजर आते हैं, वहीं पश्चिम में मौजूद ऑटो स्टैंड पर ऑटोरिक्शा की लगी कतार में भिखारी भीख मांगते नजर आते हैं, इससे यात्रियों को परेशानी होती है। जबकि सूत्रों की मानें तो पुलिस आखिरी लोकल गुजर जाने के बाद एक्शन मोड में आकर स्टेशन परिसर को खाली कराने में लग जाती है।
केवल नाम की स्मार्ट सिटी
बता दें कि ऐतिहासिक महत्व वाले ठाणे रेलवे स्टेशन क्षेत्र में शाम के समय पुलिस की मौजूदगी कम होने पर भिखारियों और गर्दुल्लों की संख्या बढ़ जाती है। ठाणे शहर को ‘स्मार्ट सिटी’ का दर्जा मिल गया है, लेकिन ठाणे स्टेशन दुर्गंध और गंदगी से भरा पड़ा है। वहीं सैटिस की दीवारें धुंधली और गंदी हैं। स्टेशन क्षेत्र के पास कांच, प्लास्टिक की बोतलें और कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं। यात्रियों को अपनी नाक रूमाल से ढंकनी पड़ती है। रेलवे सुरक्षा बल के साथ रेलवे पुलिस भी भिखारियों को हटाने में लापरवाही बरतती है।
सैटिस पर पिया जाता हैं गांजा
कई गर्दुल्ले ऐसे हैं, जो रात होने पर यहां गांजा पीते हैं। यहां देह व्यापार करनेवाली महिलाएं भी खड़ी रहती हैं, कभी-कभी ग्राहकों और उनके बीच झगड़े भी होते दिखाई देते हैं। देर रात ठाणे स्टेशन क्षेत्र पर भिखारियों, गर्दुल्लों का कब्जा रहता है।

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