सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व पूर्व सांसद राजन विचारे ने आरोप लगाया है कि बिना किसी पूर्व सूचना के मनपा ने झोपड़पट्टियों का बायोमेट्रिक और जीआईएस सर्वे शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी भी स्थानीय नागरिकों को नहीं दी गई। सर्वे की जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों को मिली, वैसे ही उन्होंने कलस्टर योजना का विरोध शुरू कर दिया है। बता दें कि ठाणे मनपा ने क्लस्टर योजना के नाम पर झोपड़पट्टियों का विकास करने की योजना बनाई है। मनपा ने आनंद नगर झोपड़पट्टी क्षेत्र का विकास क्लस्टर योजना के तहत करने का निर्णय लिया है। जबकि यहां पर एसआरए योजना लागू की जानेवाली थी। ठाणे मनपा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले घोड़बंदर इलाके के १०० फीसदी झोपड़पट्टी परिसर मानपाड़ा, आजाद नगर और मनोरमा नगर को क्लस्टर योजना के जरिए विकसित करने की योजना मनपा प्रशासन ने तैयार की है, जिसका स्थानीय नागरिकों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। रहिवासियों का कहना है कि वे भेड़-बकरियों की तरह ३०० वर्ग फुट के घर में नहीं रहेंगे, बल्कि हमारा वर्तमान में जो घर वही सही है।
बता दें कि ठाणे महानगर पालिका के माध्यम से शहर के विभिन्न हिस्सों में क्लस्टर योजना के माध्यम से विकास किया जाने वाला है। मनपा प्रशासन ने इस परियोजना के लिए ४५ शहरी पुनरुद्धार योजनाएं (यूआरपी) तैयार की थीं। पहले चरण में यह परियोजना सिडको के माध्यम से किसन नगर क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही है और परियोजना का वास्तविक कार्य यहां शुरू हो चुका है। इस परियोजना के माध्यम से नागरिकों को अधिकार एवं स्वामित्व वाले मकान मिलेंगे। लेकिन चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि जिन इलाकों में क्लस्टर योजना नहीं है, वहां भी क्लस्टर योजना लागू की जा रही है। घोड़बंदर क्षेत्र का मानपाड़ा, आजाद नगर और मनोरमा नगर क्षेत्र लगभग १०० प्रतिशत झोपड्पट्टी से घिरा हुआ है। वहीं यहां के निवासियों के घर छोटे हैं, इसलिए उन्होंने घरों के ऊपरअतिरिक्त निर्माण कर ग्राउंड फ्लोर से लेकर फर्स्ट फ्लोर तक के मकान बना रखा है।