मुख्यपृष्ठग्लैमर‘बस, मुझे उसी का इंतजार है!’-नायरा बनर्जी

‘बस, मुझे उसी का इंतजार है!’-नायरा बनर्जी

साउथ अफ्रीका के केपटाउन में रियालिटी शो ‘खतरों के खिलाड़ी’ के लिए शूटिंग कर रही नायरा बनर्जी का असली नाम मधुरिमा बनर्जी है। तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड जैसी कई भाषाओं में वे काम कर चुकी हैं। क्लासिकल म्यूजिक और गजल गायकी में भी उन्हें हुनर प्राप्त है।
पेश है, नायरा बनर्जी से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

• ‘खतरों के खिलाड़ी’ जैसा खतरनाक शो करने की प्रेरणा आपको कहां से मिली?
बचपन से मैं काफी साहसी रही हूं। बचपन में मैं अक्सर स्टंट किया करती थी। साहसी मानसिकता मुझमें पहले से ही मौजूद है। मुझे नाम कमाना था इसलिए मैंने ‘खतरों के खिलाड़ी’ में हिस्सा लिया।

• इस शो के लिए आपने किस तरह की तैयारी की?
जो भी नॉर्मल फिटनेस रूटीन होता है, वही मेरा रूटीन है। ऑइली खाने से परहेज करती हूं। जिम जाकर कार्डियो एक्सरसाइज करती हूं। लेकिन सौ बात की एक बात ‘खतरों के खिलाड़ी’ की शूटिंग के दौरान आपको क्या स्टंट्स दिए जाएंगे यह कोई नहीं जानता। लिहाजा, पहले से तैयारी करना व्यर्थ है।

• मेंटल प्रिपरेशन कितना आवश्यक है?
मेंटल फिटनेस काफी अहम होता है लेकिन मुझे उस काम के लिए भी वक्त नहीं मिला। मैं सोचती हूं कि अगर हम दिल से सशक्त हैं और डर नाम की चीज दिल में न फटकने दें तो कोई समस्या ही नहीं है।

• शो के लिए घरवालों ने वैâसे इजाजत दी?
काम अच्छा हो या बुरा घरवालों से इजाजत मिलना कहां आसान होता है? मम्मी-डैडी तो ‘ना-ना’ की रट लगाते रहे। बस भाई ने प्रोत्साहित करते हुए मुझसे कहा, ‘आगे बढ़ कुछ गलत नहीं होगा। आखिर अब तक कितने लोगों ने शो में हिस्सा लिया है, क्या उन्हें चोट आई? उनके साथ कुछ गलत नहीं हुआ। डोंट वरी, तुम्हारे साथ भी कुछ नहीं गलत होगा।’ उसके शब्दों से मुझे संबल मिला!

• हिंदी और साउथ इंडस्ट्री में काम करते समय आपको क्या फर्क महसूस हुआ?
एक सच्चे कलाकार को फर्क नहीं पड़ता, उसे बस ईमानदारी से अपना काम करना होता है। यह एक मजेदार संयोग है कि दक्षिण की फिल्मों में मेरी इमेज एक प्यारी आज्ञाकारक बहूरानी की है, तो हिंदी टीवी इंडस्ट्री में मुझे विविधता भरे रोल मिले हैं।

आपने टोनी डिसूजा के साथ फिल्म का निर्देशन भी किया है?
मैंने अपने करियर और जीवन में हमेशा नया करने की कोशिश की है। निर्देशक टोनी डिसूजा एक अच्छे निर्देशक हैं। उनसे परिचय होने के बाद मैंने उनसे रिक्वेस्ट की कि क्या वो मुझे सहायक निर्देशन में काम दे सकते हैं? उन्होंने अपनी फिल्म ‘अजहर’ में मुझे मौका दिया, जिसके लिए मैं उनकी शुक्रगुजार हूं। आगे चलकर मैं अभिनय में व्यस्त हो गई और निर्देशन में आगे बढ़ने का मौका नहीं मिला।

• क्या आगे भी डायरेक्शन का मौका मिलने पर आप उसे स्वीकार करेंगी?
मैंने टोनी डिसूजा के साथ सहायक निर्देशक के तौर पर इसलिए काम किया क्योंकि अभिनय से पहले मैं कैमरे के पीछे का काम समझना चाहती थी। अगर वैâमरे का वर्क, फ्रेमिंग समझ में आ जाए तो अभिनय करना आसान हो जाता है।

• टीवी इंडस्ट्री में आप स्थापित हो चुकी हैं, फिल्मों में मौका पाने के लिए आप क्या कर रही हैं?
टीवी में शुरू से मेरी व्यस्तता बहुत रही है। साउथ की फिल्मों में काम करने के काफी मौके मिले हैं। मेरी खुद से बस एक ही शिकायत है, मैंने वहां आदर्श बहू के किरदार बहुत कर लिए अब मैं व्हाइट कॉलर यानी डॉक्टर, वकील, पत्रकार, इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर जैसे दमखम भरे किरदार निभाना चाहती हूं। साउथ फिल्मों में बहुत हो गया रोना-धोना। अब वैसे किरदार नहीं करना चाहती। अर्थपूर्ण और रिलेवेंट किरदार निभाना चाहूंगी। बस, मुझे उसी का इंतजार है। उम्मीद है ‘खतरों के खिलाड़ी’ के बाद मेरी साहसी इमेज दुनिया के सामने आ जाएगी।

• कर्नाटक में बीजेपी की हार और कांग्रेस को मिली सफलता पर आप क्या कहना चाहेंगी?
राजनीति में मेरी समझ कम है। वैसे अपना देश डेमोक्रेसी पर विश्वास करता है, जब कर्नाटक राज्य बीजेपी की सत्ता नहीं चाहता तो पलट गया मामला।

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