सामना संवाददाता / प्रयागराज
शनिवार को कई देशों के राजनयिकों व विदेशी अतिथियों का महाकुंभ में आना हुआ। राजदूतों का 73 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल महाकुंभ की भव्यता एवं दिव्यता को देख अभिभूत था। ब्राजील, न्यूजीलैंड, मोरक्को और जोर्डन समेत कई अन्य देशों के राजनायिक इस इवेंट में साथ नहीं थे। संगम आकर अतिथियों ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति व धरोहर को दर्शाता है। यहां पहुंचने पर इन लोगों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया। अतिथियों ने इस यात्रा की व्यवस्था पर खुशी भी जताई, वहीं प्रयागराज पहुंचने पर अतिथियों का स्वागत किया गया।
बहुत ही खास आयोजन है महाकुंभ
मुझे बहुत खुशी है कि राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय राजनयिकों के लिए इस यात्रा की व्यवस्था कर रहा है। महाकुंभ मेला बहुत ही खास आयोजन है, खासकर इस साल। इसलिए मैं हिंदू संस्कृति को समझने के लिए उत्सुक हूं।
केइची ओनो, भारत में जापान के राजदूत
परंपराओं का पालन कर खुश हूं
मैं इस महत्वपूर्ण समारोह में भाग लेकर प्रसन्न हूं। यहां की परंपराओं का पालन कर बहुत खुशी भी हो रही है।
मारियानो काउचिनो, भारत में अर्जेंटीना के राजदूत
महाकुंभ के वातावरण का लूंगी आनंद
मैं कई वर्षों से भारत से जुड़ी हुई हूं। मैं हमेशा यहां आना चाहती थी, लेकिन कभी भी किसी कुंभ में आने का अवसर नहीं मिला। आज यह खास और शुभ महाकुंभ का समय है, यह सौभाग्य है कि मैं भारत में हूं। मैं यहां के वातावरण का आनंद लूंगी। यह दृश्य मेरी आँखों और आत्मा के लिए गौरवान्वित करने वाला है। यह आयोजन निश्चित रूप से भारतीय धरोहर और संस्कृति को दर्शाता है, जिस पर गर्व होना चाहिए।
डायना मिकेविकिएने, भारत में लिथुआनिया की राजदूत