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योगी के जिले में हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा की स्थापना को लेकर बढ़ी रार ने लिया राजनैतिक रूप…इसको लेकर अखिलेश ने भाजपा को ठोंका ताल!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी की जयंती पर उनके पैतृक गांव में प्रतिमा लगाने के लिए बन रहे चबूतरे को गोरखपुर प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत की भूमि पर बिना अनुमति के चल रहे निर्माण पर यह कार्रवाई हुई है। अब इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए अपने एक्स हैंडल पर प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण की मांग की है।
यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, ”अब तक भाजपा का बुलडोजर दुकान-मकान पर चलता था, अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी चलने लगा है। चिल्लूपार के सात बार विधायक रहे, उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. श्री हरिशंकर तिवारी जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा के प्रस्तावित स्थापना स्थल को भाजपा सरकार द्वारा तुड़़वा देना बेहद आपत्तिजनक कृत्य है। प्रतिमा स्थापना स्थल का तत्काल पुनर्निर्माण हो, जिससे जयंती दिवस 5 अगस्त को प्रतिमा की ससम्मान स्थापना हो सके। निंदनीय!”
इससे पहले दिवंगत हरिशंकर के बेटे और पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था, “यह राजनैतिक अराजकता है, प्रशासनिक गुंडई है या सत्ता का अहंकार, नीचता, निकृष्टता की पराकाष्ठा या व्यक्तिगत शत्रुता, ब्राह्मण, स्वाभिमान को चुनौती या समूची इंसानियत की हत्या, यह निर्णय समय पर चिल्लूपार विधानसभा के लोग तो करेंगे ही, देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है।
लगातार चिल्लूपार से सात बार विधायक और सन 1996 से 2007 तक उत्तर प्रदेश की भिन्न-भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे सम्मान व स्वाभिमान के प्रतीक स्व. पण्डित हरि शंकर तिवारी के जन्मदिवस 5 अगस्त को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का मन बनाकर मेरे गांव टाड़ा के ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया।”
उन्होंने आगे लिखा, “विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति के लिए उपजिलाधिकारी तहसील गोला को भेजा गया और अपनी तैयारी में लग गए। स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी के कद पद प्रतिष्ठा सम्मान के अनुरूप उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए गांव के लोगों के अलावा अन्य कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्रियों और क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति होनी है।”
उन्होंने लिखा, “स्वाभाविक रूप से इस आयोजन को एक भव्य स्वरूप देने की तैयारी चल रही थी। अचानक 31 जुलाई को मूर्ति स्थापना के लिए बने चबूतरे को ढहाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल के साथ बुलडोजर वाली सरकार बुलडोजर के साथ पहुंची और चबूतरे को ढहा दिया। अब आप इसे क्या कहेंगे, जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गॉड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो, जो व्यक्ति कल्याण सिंह की सरकार में भी उनका सहयोगी मंत्री रहा हो, जिस व्यक्ति को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो।”

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