सामना संवाददाता / मुंबई
यह लोकसभा चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को सुरक्षित रखने का संघर्ष है। भाजपा ने लोकतंत्र, संविधान को खतरे में डाला है, खुले तौर पर विविधता में एकता को कमजोर किया है। तीन चरणों का मतदान हो चुका है और सिर्फ दक्षिण भारत ही नहीं, बल्कि सभी राज्यों में माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने विश्वास जताया है कि ४ जून को दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी की सरकार जाएगी और इंडिया गठबंधन की सरकार आएगी।
तिलक भवन में प्रेस कांप्रâेंस को संबोधित करते हुए शशि थरूर ने कहा कि संविधान ने जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र की परवाह किए बिना यह स्पष्ट कर दिया है कि सबसे पहले हम भारत के नागरिक हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ऐसा नहीं सोचती और बीजेपी ने धर्म को नागरिकता में ला दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, उनका प्रयोग हम बंद घर में भी सार्वजनिक रूप से नहीं कर सकते। यह बहुत ही अपमानजनक है और देश व राजनीति के लिए उचित नहीं है। बीजेपी की राजनीति को देखते हुए सभी समान विचारधारा वाले दल एक साथ आकर लड़ाई में शामिल हो गए हैं। ४ जून के बाद ऐसी सरकार आएगी, जो सही मायनों में सभी जाति-धर्मों का विकास करेगी और सबको साथ लेकर चलेगी।
चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी बेरोजगारी, महंगाई, किसानों के मुद्दों पर बात नहीं करती। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता के ज्वलंत सवालों से बचकर महत्वहीन मुद्दों पर बात कर रहे हैं। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बातचीत की खुली चुनौती दी है, लेकिन मोदी ने इसे स्वीकार नहीं किया है। यूपीए सरकार के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह प्रेस कॉन्प्रâेंस कर अपना पक्ष रखते थे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब स्क्रिप्टेड साक्षात्कार दे रहे हैं।
महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की पार्टी में पूरा तालमेल है और सभी पार्टियां मिलकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। हालांकि, बीजेपी ने शिवसेना और एनसीपी को तोड़ दिया है, लेकिन कार्यकर्ता अभी भी मूल पार्टी के साथ हैं।