सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जी-२० के कार्यक्रम से आतंकवादियों की घुसपैठ और आतंकी हमलों की साजिशें जोरों पर रची जा रही हैं। अब खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान और आईएसआई की एक ऐसी साजिश का खुलासा किया है, जो कि डाउन टाउन के जरिए श्रीनगर में माहौल खराब करने की तैयारी में जुटा है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के संगठन दुख्तरान-ए- मिल्लत के वैâडर को डाउन टाउन इलाके में एक्टिवेट कर दिया गया है। इस वैâडर को जिम्मेदारी दी गई है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को जी-२० के बारे में गलत जानकारी देने के साथ ही माहौल को खराब करने की साजिश को अंजाम दे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-३७० में संशोधन के बाद से ही घाटी में बदलाव की बयार बहने लगी है। सभी तरफ शांति है, यहां तक कि दक्षिण कश्मीर के जिले में भी जो सबसे ज्यादा अशांत रहता था। श्रीनगर के दिल में बसा डाउनटाउन भी अब बिल्कुल शांत है। न कोई पत्थरबाजी और न कोई विरोध -प्रदर्शन। एक समय था, जब श्रीनगर का डाउनटाउन इलाका पत्थरबाजी के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता था।
दरअसल, १० साल पहले तक तो सुरक्षाबलों को उस इलाके में ऑपरेशन करने में भी बड़ी दिक्कत होती थी, क्योंकि यह पूरा इलाका कश्मीर का सबसे पुराना रिहायशी क्षेत्र हैं और यह बहुत ही घनी आबादी वाला एरिया है। यहां तक कि ये भी कहा जाता था कि अगर कोई आतंकवादी चाहे वो पाकिस्तानी हो या स्थानीय एक बार इस इलाके में पहुंच गया, तो उसे पकड़ना या उसका एनकाउंटर करना बहुत मुश्किल होता था और इसी डाउनटाउन के करीब जी-२० जैसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम भी कश्मीर में आयोजित हो रहे हैं। लेकिन ये सब बदलाव पाकिस्तान को बिल्कुल हजम नहीं हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा आईएसआई ने कश्मीर में आयोजित होने वाले जी-२० की बैठक में शामिल होनेवाले देशों में सोशल मीडिया पोस्ट, विरोध–प्रदर्शन और अलग-अलग डिबेट के जरिए प्रोपेगेंडा पैâलाने के काम को तेज कर दिया है। एक तरफ तो वह प्रोपेगेंडा तेज कर रहा है और दूसरी ओर आतंकी हमलों के लिए भी नए-नए तरीके भी आजमाने की कोशिश में जुटा है। वे काफिले पर बड़े आईईडी हमले को अंजाम देने के लिए वेहिकल बेस्ड आईईडी के अलावा सड़कों के किनारे पड़े पुराने व नए लोहे के पाइप में आईईडी या कोई दूसरा विस्फोटक लगाकर हमले की कोशिश कर सकते हैं। लश्कर-ए-तैयबा अपने सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के आतंकियों को ग्रेनेड फिदायीन हमले के लिए भी तैयार कर रहा है।