-पहले भी अच्छे कपड़े पहनने…घोड़े पर बैठने जैसे मामलों में दलित युवकों की हो चुकी है पिटाई
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
गुजरात मॉडल का पूरी तरह से पर्दाफाश हो चुका है। अब इसका एक कड़वा सच सामने आया है। वहां पर दलितों के साथ काफी खराब व्यवहार होता है। वहां जाति-आधारित हिंसा की एक और घटना सामने आई है। राज्य के साबरकांठा जिले में कथित ऊंची जाति के लोगों द्वारा एक दलित युवक को कथित तौर पर अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पारंपरिक साफा और धूप का चश्मा पहने हुए अपनी तस्वीर अपलोड करने के लिए पीटा गया।
वैसे धूप का चश्मा पहनने के लिए किसी दलित को पीटे जाने की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले गत वर्ष भी ऐसी घटना हो चुकी है।
मिली जानकारी के अनुसार, साल २०२३ के जून महीने में एक २१ वर्षीय दलित युवक और उसके परिवार पर धूप का चश्मा और अच्छे कपड़े पहनने के लिए उच्च जाति के लोगों द्वारा हमला किया गया था।
दलित को पीटकर हमलावर फरार
गत १७ जुलाई को साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर तालुका के एक गांव में एक २४ वर्षीय दलित युवक को पीट दिया गया। उसका गुनाह इतना था कि उसने सिर पर साफा और आंखों पर धूप का चश्मा पहना था। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है, पर सभी हमलावर गांव से फरार हो गए हैं।
बता दें कि पीड़ित युवक अजय परमार एक तिपहिया वाहन चलाता है। उसके द्वारा १८ जुलाई को दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि उन्हें दरबार समुदाय के चार लोगों ने पीटा था। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने कथित तौर पर इंस्टाग्राम एकाउंट पर धूप का चश्मा और साफा पहने हुए अपनी फोटो की डीपी लगाने के लिए नवानगर बस स्टैंड के पास उसकी पिटाई की। अजय ने मीडिया को बताया, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि केवल दरबार समुदाय के लोग ही साफा और धूप का चश्मा पहन सकते हैं। उन्होंने मेरी पिटाई की और मुझसे तस्वीर हटाने को कहा।’ उसने बताया कि बाद में इसी कारण से उनके गांव में भी लोगों ने उन्हें थप्पड़ मारा। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित का परिवार उस गांव में दरबार समुदाय के बीच रहने वाला एकमात्र दलित परिवार है। एफआईआर में चार आरोपियों के नाम दर्ज किए गए हैं। पीड़ित अजय परमार ने बताया कि उसके पिता ने हमलावरों से बचाने के लिए स्थानीय पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस एक घंटे बाद मौके पर पहुंची। रिपोर्ट में हिम्मतनगर ग्रामीण पुलिस थाने के उप पुलिस निरीक्षक, संजय गोस्वामी के हवाले से कहा गया है कि आरोपी गांव से भाग गए हैं और पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसके पूर्व साल २०२३ के नवंबर महीने में गुजरात में एक २१ वर्षीय दलित युवक पर उसके नियोक्ता से अपना वेतन मांगने पर हमला किया गया था। युवक ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा था कि उससे उसकी महिला नियोक्ता के जूते मुंह में पकड़वा कर माफी मंगवाई गई थी। इस साल फरवरी के महीने में गांधीनगर जिले में एक दलित दूल्हे पर चार लोगों ने इसलिए हमला किया था क्योंकि वह अपनी बारात में घोड़े पर सवार होकर आया था।