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भाजपा सरकार लगातार कर रही है, मुंबई की अहमियत कम!

• विशेष सत्र नहीं बुलाया तो राज्य भर में आंदोलन
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के सामने आ रही समस्याओं पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल राज्य के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि अगर विशेष सत्र नहीं बुलाया गया तो हमारी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों को लेकर पूरे राज्य में जोरदार आंदोलन करेंगे। कल मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे संकट के समय में किसानों को तुरंत आर्थिक मदद की जरूरत है, लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है। हमारी मांग है कि किसानों की तत्काल मदद की जानी चाहिए। पटोले ने कहा कि राज्य सरकार बारसू में रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है। हाल ही में खारघर में सरकार की बदइंतजामी की वजह से १४ लोगों की मौत हो गई। इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है, इसलिए महाराष्ट्र कांग्रेस ने राज्यपाल से दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार मुंबई और महाराष्ट्र के महत्व को कम करने की कोशिश कर रही है। मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है और इस शहर का विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान है। सभी महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान, विभिन्न कंपनियों के मुख्यालय मुंबई में हैं। मुंबई का यह महत्व भाजपा की आंखों में चुभ रहा है। यही वजह है कि मुंबई के महत्वपूर्ण कार्यालयों को गुजरात में शिफ्ट कर इस शहर के महत्व को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन मुंबई और महाराष्ट्र पर थोपी जा रही है, जबकि उसकी कोई जरूरत ही नहीं है। मुंबई में बीकेसी स्थित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र को गांधीनगर में स्थानांतरित कर दिया गया है। पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क कार्यालय दिल्ली में शिफ्ट किया गया है, जबकि राष्ट्रीय समुद्री पुलिस अकादमी पालघर से गुजरात के द्वारका में स्थानांतरित की गई है। मुंबई में हीरा कारोबारियों का एक बड़ा उद्योग समूह पंचरत्न भवन में स्थित था, लेकिन यह भी गुजरात चला गया। नाना पटोले ने कहा है कि मुंबई और राज्य के महत्वपूर्ण कार्यालयों और परियोजनाओं को दिल्ली की केंद्र सरकार के इशारे पर राज्य से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है। चूंकि मुंबई को गुजरात में नहीं ले जाया जा सकता है, इसलिए अब भाजपा इस शहर के महत्व को कम करने की साजिश में जुट गई है।
वज्रमूठ सभाओं का पुनर्निर्धारण…
नाना पटोले ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी की वङ्कामूठ सभाओं को जनता का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। छत्रपति संभाजी नगर, नागपुर और मुंबई में तीन सफल वङ्कामूठ सभाएं हो चुकी हैं। आगे की सभा पुणे, नासिक, कोल्हापुर और अमरावती में आयोजित की जाएंगी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। वहीं कई इलाकों में गर्मी का भी प्रकोप है। इसलिए इन सभाओं के कार्यक्रम में बदलाव पर विचार किया जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने साफ किया कि वज्रमूठ सभाओं को रद्द नहीं किया गया है। पटोले ने कहा कि इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेताओं के साथ चर्चा की गई है और इन सभाओं को जल्द ही पुनर्निर्धारित किया जाएगा।

 

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