ग्वालियर की एक ऐसी महिला की कहानी जो पशुओं की दीवानी है। खासतौर से सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों की यहां एक युवती ने डॉगी के लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर दी। महज ५ साल की उम्र से ये युवती स्ट्रीट डॉग्स की सेवा कर रही है। हाल ये है कि आवारा कुत्तों को साथ रखने की शर्त के साथ शादी की और अब इन कुत्तों के लिए इसने तीन मंजिला घर बनवाया है, जिसमें २० से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स रहते हैं।
जानकारी के अनुसार ग्वालियर में रहने वाली नम्रता सक्सेना को सिर्फ ५ साल की उम्र से ही डॉगी से खास लगाव रहा है। जब बड़ी हुई तो नम्रता ने अपने पिता के घर ही स्ट्रीट डॉग्स को पालना शुरू कर दिया, जहां भी उसे आवारा कुत्ता घायल मिलता उसे उठाकर अस्पताल ले जाती और ठीक होने पर अपने घर ले आती। बेजुबानों के खिलाफ कहीं हिंसा होती तो नम्रता मैदान में लड़ने के लिए पहुंच जाती। जब रिश्ता तय हुआ तो उसने होने वाले पति से यह शर्त रखी कि वह अपने २० स्ट्रीट डॉग्स को साथ लेकर ही ससुराल आएगी। पुलिस में नौकरी करने वाले पति ने नम्रता की शर्त मान ली और वह अपने साथ २० डॉग्स लेकर आई।
रोज ५० आवारा कुत्तों के लिए बनाती है खाना
ग्वालियर के पॉश इलाके में नम्रता का ससुराल है। आस-पास के लोगों को जब नम्रता के कुत्तों से दिक्कत होने लगी, तो फिर नम्रता ने कोटेश्वर इलाके में ३ मंजिला मकान बना लिया। इसमें वो २० कुत्तों के साथ रहती है। इसके साथ ही आस-पास के ५० से ज्यादा आवारा कुत्तों के लिए खाना बनाती हैं। वह स्ट्रीट डॉग्स को बच्चों की तरह प्यार करती हैं। अपने ही किचन में उनके लिए खाना बनाती हैं। शहर में कहीं भी स्ट्रीट डॉग्स के खिलाफ हिंसा होती है तो पहुंच जाती हैं।
बेजुबानों की सेवा में पति भी करते हैं मदद
नम्रता की सेवा भाव को देखकर उनके पति भी उनकी मदद करते हैं। पुलिसकर्मी पति हर महीने नम्रता को इन बेजुबानों की देखभाल के लिए रकम भेजते हैं। नम्रता के जज्बे को देखते हुए उसके साथ कई और युवा-युवतियां जुड़ गए हैं, जो इन बेजुबानों की सेवा करते हैं। जब कभी शहर में कहीं बेजुबान के खिलाफ हिंसा होती है, तो नम्रता और उसके साथी पहुंच जाते हैं। युवा भी नम्रता के काम से प्रेरित होकर अब आगे आने लगे हैं।