सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में वायु गुणवत्ता में गिरावट जारी है। कई इलाकों में दृश्यता काफी कम हो गई है। आलम यह है कि मायानगरी धुंध की चादर में लि पटी हुई है। बोरीवली में दूसरे दिन भी वायु गुणवत्ता सूचकांक २८० के साथ खराब स्थिति में बना रहा। कुछ यही हालात मुंबई के कोलाबा, देवनार, मलाड, मझगांव, वरली में भी बनी थी। दूसरी तरफ मुंबई की बिगड़ी आबोहवा के कारण शहरवासी सर्दी, खांसी समेत श्वसन संबंधी कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। दरअसल , शुक्रवार शाम को पर्यावरण मंत्रालय के समीर ऐप के अनुसार मुंबई के सात वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों पर ली गई रीडिंग के अनुसार, शहर में एक्यूआई खराब स्थिति में है। वहीं १३ रीडिंग स्टेशनों में मध्यम एक्यूआई का स्तर देखने को मिला। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बोरीवली ईस्ट रहा जहां पर एक्यूआई २८० के करीब रहा। वहीं, कोलाबा के नेवी नगर में २४५, मलाड वेस्ट में २७०, कोलाबा में २४४, देवनार, कांदिवली वेस्ट में २२१, मझगांव में २१६ और वरली में २०१ एक्यूआई रहा।
मनपा की सारी कोशिशें हुइ फेल
मुंबई में प्रदूषण की रोकथाम के लिए मनपा की ओर से २०० करोड़ रुपए की निधि का प्रावधान किया गया है। प्रदूषण को रोकने के लिए इसमें से बड़ी राशि खर्च की जाती है। मनपा अधिकारी भी अनेकों गाइडलाइन बनाकर उसे लागू करते हैं। लेकिन इन सबका खासा असर होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर साल भर से सोई मनपा अब अचानक जाग गई है और सड़कों को धोने समेत कई तरह के उपाय करने में जुट गई है। इसी क्रम में कल एयर क्वालिटी ईप्रूव ड्राइव के तहत शहर में २६३ किमी सड़कों को दिया गया है। इसी के साथ ही ९२ मशीनों और ९६ वाहनों की मदद से १९७ टन कचरा इकट्ठा कर उसे ठिकाने लगाया गया है। इसी के साथ ही ३६५ क्लीन अप मार्शल की मदद से की गई कार्रवाई में ९७१०० रुपए का जुर्माना वसूला गया है।
सावधानी बरतने की सलाह
मुंबई में प्रदूषण के कारण सांस और त्वचा संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। श्वसन संबंधी विकारों में अस्थमा, टीबी, निमोनिया, फेफड़ों का वैंâसर, श्वसन तंत्र में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा की एलर्जी, शुष्क त्वचा, चमड़ी फटना, लालिमा, खुजली बढ़ रही है। बुखार, आंखें दुखना, गले में खराश भी हो रही है। इसके अलावा भी कई बीमारियों को दावत दे रहे हैं। सुबह और शाम के समय स्मॉग की मात्रा अधिक होती है। ऐसे समय में विशेषज्ञों ने लोगों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। बताया जा रहा है कि ऐसे वातावरण बच्चों, बुजुर्गों के लिए खतरनाक है, इसलिए उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करना बेहतर है।