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`घातियों’ के दिखावे का उतरा रंग! मुंबई सौंदर्यीकरण की सतर्कता विभाग करेगी जांच

  • ८०० कामों पर २,२०० करो़ड़ रुपए का खर्च

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई सौंदर्यीकरण में शिंदे सरकार की तरफ से दिखावे के लिए किए गए कई कामों का `रंग’ उड़ गया है। कई जगहों पर पेड़ों पर की गई लाइटिंग बंद है। पेड़ों पर तार खतरनाक तरीके से लटक रहे हैं। इसी तरह शहर में कलर की गई दीवारों का रंग उतर गया है। इस उपक्रम में करीब ८०० कामों पर तकरीबन २,२०० करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इतना खर्च करने के बाद भी कई स्थानों पर सौंदर्यीकरण की दयनीय स्थिति हो गई है। इसे लेकर नागरिकों की आई शिकायतों पर मनपा का सतर्कता विभाग जांच करने जा रहा है।
मुंबई सौंदर्यीकरण के नाम पर शिंदे सरकार के दबाव में करोड़ों रुपए की बंदरबांट करने का आरोप नागरिकों समेत विभिन्न राजनीतिक दल लगाते रहे हैं। खासतौर पर `जी/२०’ जैसे परिषदों में दिखावा करने के लिए की गई जगमगाहट और सड़क किनारे बनी झोपड़ियों पर नजर न पड़े, इसके लिए लगाए गए पर्दे पर मनपा की काफी आलोचना हुई थी। अब बरसात के दौरान इन कामों की गुणवत्ता उजागर होने पर सतर्कता विभाग जांच करेगा। मुंबई सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत सड़कों, पुलों, फुटपाथों, ट्रैफिक जंक्शनों, पार्कों, समुद्र तटों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई, आकर्षक रंग-बिरंगी लाइटिंग का काम किया गया है।
आयुक्त को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
सौंदर्यीकरण के कामों में मानक का ध्यान नहीं रखने की नागरिकों से मिल रही शिकायतों के चलते सतर्कता विभाग जांच करेगा। सतर्कता विभाग खार, सांताक्रुज, बोरीवली और कांदिवली में जांच कर मनपा आयुक्त को रिपोर्ट सौंपेगा। इन कामों की गुणवत्ता ठीक न पाए जाने पर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है।

शिंदे सरकार का दिखावा
-मुंबई सौंदर्यीकरण के नाम पर मनपा के माध्यम से कराए जा रहे इन कामों का लोकार्पण ८ दिसंबर २०२२ को मुख्यमंत्री ने किया था। लेकिन इस बार अपेक्षित प्रचार नहीं मिलने पर तीसरे दिन १० दिसंबर को फिर उन्हीं ५०० कामों का भूमिपूजन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में १९ जनवरी को विकास कार्यों के शुभारंभ के लिए आयोजित `दस करोड़’ के कार्यक्रम में इनमें से कुछ कामों को फिर से शामिल किया गया।

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