• कानपुर में बेरोजगारों में ८,८४५ युवा आईटीआई पास और ६,६४२ पॉलिटेक्निक डिप्लोमाधारी
सामना संवाददाता / कानपुर
भाजपा सरकार भले ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया कराने का दावा कर रही है लेकिन यूपी का हर १०वां युवा बेरोजगार है। उनके पास न तो कोई नौकरी है और न ही अपना व्यापार करने के लिए जमा पूंजी। सेवायोजना विभाग में दर्ज आंकड़ों से यह तस्वीर निकलकर सामने आई है। ये लोग नौकरी की तलाश में रोजगार मेलों के चक्कर काट रहे हैं। इनकी उम्र १८ से ३९ वर्ष के बीच की है। कानपुर की मतदाता सूची में इस उम्र के लोगों की संख्या १५.८९ लाख है। सेवायोजन कार्यालय में जो पंजीकरण हैं उनके अनुसार बेरोजगारों की कतार में १९ से लेकर ५९ साल तक के लोग हैं। १९ साल के बेरोजागारों की संख्या ६,६४३ है। वहीं सबसे ज्यादा ७३,६१२ बेरोजगार २० से २९ साल के हैं। ३० से ३९ साल के ६,५६८० लोग भटक रहे हैं। इसके अलावा ४० से ४९ साल के ६,३१५ और ५० से ५९ साल के २३९ अधेड़ भी नौकरी की तलाश में हैं।
अनपढ़ों की तुलना में ज्यादा पढ़े-लिखे बेरोजगार
पंजीकृत बेरोजगारों की बात करें तो इनमें परास्नातक और प्रोफेशनल कोर्स करने वालों के साथ अंगूठा टेक युवा भी शामिल हैं। ९,२१० अनपढ़ों की तुलना में पढ़े लिखे युवाओं की संख्या १५ गुना ज्यादा यानी १४,३२७९ है।
प्रोफेशनल कोर्स करने वाले बेरोजगार सर्वाधिक
बेरोजगारों में सर्वाधिक संख्या प्रोफेशनल कोर्स करने वाले युवाओं की हैं। इनमें तकनीकी हुनरमंद भी शामिल हैं, वहीं परास्नातक और अन्य डिग्रीधारक भी इस श्रेणी में हैं। बेरोजगारों में ८,८४५ युवा आईटीआई पास और ६,६४२ पॉलिटेक्निक डिप्लोमाधारी हैं। १,३१७ बीएड धारकों में ४०९ और बीटीसी पास ३२ में नौ महिलाएं बेरोजगार हैं।