- २,६७४ करोड़ रुपए पहुंचा खर्च
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की शिंदे-फडणवीस यानी ‘ईडी’ सरकार ने सरकार बनने के बाद पहला काम यही किया है कि महाविकास आघाड़ी द्वारा शुरू की गई सभी विकासशील परियोजनाओं पर रोक लगा दी, जिसका परिणाम यह हुआ है कि सभी परियोजनाओं की लागत में भारी बढ़ोतरी हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह जिले ठाणे में यातायात की समस्याओं के निदान के लिए मंजूर की गई खाड़ी तटीय सड़क परियोजना की लागत दोगुनी हो गई है। इसी प्रकार राज्य की अन्य विकासशील योजनाओं को ‘ईडी’ सरकार द्वारा रोके जाने से उनकी लागत में भी इजाफा हुआ है।
बता दें कि मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण द्वारा ठाणे में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने के लिए शुरू की गई ठाणे की बालकुम-गायमुख खाड़ी तटीय सड़क परियोजना की लागत दोगुनी हो गई है। इस परियोजना पर १,३१६.१८ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था, जो अब सीधे बढ़कर २,६७४ करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। एमएमआरडीए की १५४वीं बैठक में इस परियोजना के संशोधित लागत प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। बालकुम-गायमुख के बीच १३.१४ किलोमीटर लंबी ठाणे खाड़ी तटीय सड़क परियोजना के प्रस्ताव को साल २०२१ में एमएमआरडीए की १५१वीं बैठक में मंजूरी दे दी गई थी। उस समय इस परियोजना की लागत १,३१६.१८ करोड़ रुपए आंकी गई थी। लेकिन अब परियोजना प्रबंधन सलाहकार द्वारा योजना प्रस्तुत करने के बाद लागत सीधे दोगुनी हो गई है।
ऐसी होगी परियोजना
बालकुम-गायमुख ठाणे खाड़ी तटीय सड़क परियोजना की दूरी १३.१४ किमी तक है, जिसमें कुल छह लेन बनाया जाएगा। इसकी चौड़ाई ४० से ४५ मीटर होगी। यह सड़क बालकुम के निकट खारेगांव से शुरू होगी और घोड़बंदर सड़क पर स्थित कोलशेत, वाघबील, ओवला, कासारवडवली, मोघरपाड़ा से होते हुए गायमुख तक जाएगी। इस परियोजना में करीब ५,८९,१५२.७० वर्गमीटर क्षेत्र अधिग्रहित करने की जरूरत पड़ेगी। साथ ही मार्ग में एक उड़ान पुल, एक भूमिगत मार्ग, ३ किमी का स्टील्ट सड़क बनाए जाएंगे।