मुख्यपृष्ठनए समाचारदेश की सबसे धनवान मनपा के पास पैसा नहीं ... मुंबई की...

देश की सबसे धनवान मनपा के पास पैसा नहीं … मुंबई की आशा सेविकाओं को तीन महीने से मानधन नहीं!

सामना संवाददाता / मुंबई
देश की सबसे धनवान मुंबई महानगरपालिका की आर्थिक हालत इतनी खस्ता हो गई कि मुंबई की आशा सेविकाओं को मानधन देने का पैसा नहीं है। यही कारण है आशा सेविकाओं का पिछले तीन महीने से मानधन नहीं मिला है। मनपा की इस मेहरबानी की शिकार आशा सेविकाओं को आखिरकार ऐन दिवाली के मौके पर बोनस तो दूर की बात रही, अभी तक तीन महीने का वेतन भी नहीं मिला है। इससे आशा सेविकाओं के परिवार पर आर्थिक संकट का साया मंडरा रहा है। मनपा के इस रुख से आशा सेविकाओं की इस बार की दिवाली काली होती हुई नजर आ रही है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र राज्य गटप्रवर्तक व आशा स्वयंसेविका संघ ने मानधन की अदायगी की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई मनपा ने स्वास्थ्य विभाग के तहत शहर में लगभग १,५०० आशा सेविकाओं की नियुक्ति की है। मनपा द्वारा उन्हें काम करने के ऐवज में प्रतिमाह १,६५० रुपए का भुगतान किया जाता है। इसके साथ ही आशा सेविकाओं को प्रति माह ६,००० रुपए तक का मानधन भी दिया जाता है। हालांकि, आशा सेविकाओं के संगठन महाराष्ट्र राज्य गटप्रवर्तक व आशा स्वयंसेविका संघ ने जानकारी दी है कि इन्हें मनपा ने अगस्त महीने से ही मानधन नहीं दिया है। संघ के अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि मानधन न मिलने से आशा सेविकाओं के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। ये सभी आशा सेविकाएं गरीब परिवारों से ताल्लुक रखती हैं इसलिए इनकी यह नौकरी ही जीवनयापन का एकमात्र साधन है। हालांकि, मानधन न मिलने से परिवार में बच्चों की पढ़ाई से लेकर अन्य जरूरी काम रुक गए हैं। वे काफी समय से मनपा से मानधन की अदायगी की मांग कर रही हैं। लेकिन मनपा की ओर से इसकी लगातार अनदेखी की जा रही है। राजेश सिंह ने कहा कि दिवाली से पहले मानधन का भुगतान करना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। हमने मनपा आयुक्त से अपील की है कि उन्हें अविलंब बकाया मानधन का भुगतान किया जाए, ताकि उनकी दिवाली भी खुशी के साथ बीते।

अन्य समाचार

गुमशुदा

अर्थ तो है

घुसपैठ