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उल्हासनगर के मध्यवर्ती अस्पताल का डायलिसिस विभाग खुद डायलिसिस पर…मरीज की जान सांसत में…कभी भी मशीन के बंद होने का मंडरा रहा है खतरा

 अनिल मिश्रा / उल्हासनगर

उल्हासनगर के मध्यवर्ती अस्पताल के डायलिसीस विभाग की दिन-प्रतिदिन मशीन में लगे आर. ओ. फिल्टर की खराबी के कारण किडनी के मरीजों को बुखार, खांसी जैसी शिकायत आ रही है। आर. ओ. फिल्टर की खराबी के कारण कभी ठाणे के सिविल तो कभी अंबरनाथ के आनंद एमआयडीसी परिसर के विजय अस्पताल मे भेजा जाता रहा है। उल्हासनगर या फिर आस-पास के लोगों को दूसरी जगह दूर डायलिसिस के लिए ले जाना व ले आना काफी जोखिम भरा रहता है। आर ओ फिल्टर टैंक का मरम्मत नहीं किया गया तो विभाग कभी भी बंद न हो जाए इस बात का डर किडनी के मरीजों को सता रहा है।
बता दें कि उल्हासनगर के मध्यवर्ती अस्पताल में डायलिसिस मशीन में प्रयोग आने वाली आर ओ फिल्टर पानी का प्रयोग होता है। उसके लिए अस्पताल में एक टैंक को 2014-2015 में बैठाया गया था। उसके मार्फत प्रतिदिन आठ डायलिसिस मशीन से तीन शिफ्ट में 24 से 25 किडनी के मरीजों का डायलिसिस किया जाता है। आर ओ फिल्टर टैंक को बार-बार मरम्मत कर किडनी के मरीजों का अब तक डायलिसिस किया जाता रहा है। अब तक दो बार मशीन बंद हो चुकी है, जिसके कारण मरीजों को एक बार ठाणे के सिविल अस्पताल तो दूसरी बार अंबरनाथ के आनंद नगर एमआयडीसी के विजय अस्पताल मे भेजा गया, जिसके कारण किडनी मरीजों को काफी यातना सहनी पड़ी। समय, पैसे, आने-जाने की तकलीफ सहन करनी पड़ी। समय रहते यदि आर ओ फिल्टर टैंक का मरम्मत किया गया होता तो किडनी के मरीजों को इतनी तकलीफ, यातना सहन नहीं करना पड़ता। किडनी के मरीजों की बीमारी को लेकर ईडी सरकार का स्वास्थ्य विभाग कितना जागरूक है, इसका अंदाजा वर्षों से खराब आर ओ फिल्टर टैंक की खराबी को लेकर लगाया जा सकता है।
इस मामले में मध्यवर्ती अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मनोहर बनसोडे ने बताया कि इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारी के अलवा एक जनवरी 2025 को स्थानीय विधायक कुमार आयलानी को लिखित तौर पर दिया गया। कुमार आयलानी ने दो जनवरी को जिलाधिकारी अशोक शिंनगारे को योग्य कार्रवाई के लिए पत्र दिया गया है।

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