स्पीकर पद के बदले कर सकती है बड़ी मांग
चंद्राबाबू नायडू ने दिए संकेत
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के दौरान `अबकी बार ४०० पार’ का नारा देकर पूर्ण बहुमत में आने का दावा करनेवाली भाजपा को लोकसभा चुनाव परिणामों में जनता ने अपना जवाब दे दिया है। और भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया है। तोड़-मरोड़कर केंद्र में एनडीए ने भले ही सरकार स्थापित कर ली हो, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगी। भाजपा ने भले एनडीए के सहयोगी दलों के साथ सरकार बना ली है, लेकिन उसकी मुसीबत बढ़ती ही जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में भाजपा के २४० सांसदों के बाद सबसे ज्यादा १६ सांसद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी के हैं। केंद्र सरकार में शामिल सबसे मजबूत टीडीपी ने अब सत्ता में हिस्सेदारी पर जोर दिया है। टीडीपी की डिमांड के आगे भाजपा की हालत बिगड़ती जा रही है। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि टीडीपी पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में कौन से पद पाने में सफल होती है? माना जा रहा है कि मोदी सरकार में नायडू को दबाने की कोशिश हो रही है। यही वजह है कि मोदी सरकार से अब नायडू का मोह भंग होता नजर आ रहा है। टीडीपी के १६ सांसदों का शोला किसी भी समय भड़क सकता है।
बता दें कि १८वीं लोकसभा में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के पास अपने २९३ सांसद हैं, लेकिन फिर भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि मोदी सरकार कमजोर है और कभी भी गिर सकती है। उन्होंने भाजपा के कुछ सहयोगी दलों के संपर्क में होने के भी दावे कर दिए हैं। खबर है कि टीडीपी अब स्पीकर पद पर भले दावा नहीं करेगी, लेकिन वह कुछ अन्य मांगें मोदी के सामने रख सकती है। इन मांगों में विशेष राज्य का दर्जा और आंध्र प्रदेश को सस्ती बिजली सहित अन्य मांग पर मोदी सरकार के समक्ष अड़े रह सकते हैं। इससे पहले यह भी साफ हो चुका है कि पीएम मोदी ने किसी भी अति-महत्वपूर्ण मंत्रालय के मामले में सहयोगी दलों के साथ किसी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में टीडीपी में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।
केंद्र से सस्ती बिजली की मांग
सूत्रों के हवाले से टीडीपी ने अपनी मांगों की एक लिस्ट तैयार की है, ताकि वह प्रदेश के विकास पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर सके। शपथ लेने के साथ ही चंद्रबाबू नायडू ने यह एलान कर दिया कि अमरावती आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी होगी। दूसरा सस्ती बिजली की मांग केंद्र से की गई है। जानकारी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू की दिलचस्पी सिर्फ राज्य के विशेष प्रोजेक्ट के लिए खास फंड में है और वह उसी पर जोर देना चाहते हैं।