-फंड न होने का किया दावा
सामना संवाददाता / मुंबई
खजाना खाली होने के चलते ईडी २.० सरकार कई तरह के खेल रच रही है। इसी क्रम में लाडली बहनों के बाद अब पीएचडी छात्रों के साथ भी इस सरकार ने छल किया है। बताया गया है कि सारथी के पीएचडी के छात्रों की छात्रवृत्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस बीच पीएचडी के छात्रों को वजीफा देने के लिए ७४ करोड़ रुपए की मांग सारथी ने दादा के वित्त विभाग से की थी। लेकिन वित्त विभाग की ओर से केवल ४५ करोड़ रुपए मंजूर करते हुए सारथी को बताया गया कि फंड की भारी कमी है। ऐसे में विभिन्न योजना के तहत वजीफे के लिए पात्र हजारों छात्र परेशान हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि पीएचडी कर रहे ९६९ छात्र सारथी छात्रवृत्ति के लिए पात्र है। ये सभी छात्र पिछले दो वर्षों के बाद चयनित हुए हैं। इनमें से केवल ७३ को ही छात्रवृत्ति दी गई है। अब सारथी प्रशासन कह रहा है कि शेष ८९६ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए फंड नहीं है। इस संबंध में राज्य वित्त विभाग से ७४ करोड़ रुपए की मांग की गई है। हालांकि, प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उनके पास केवल ४५ करोड़ रुपए फंड ही मिले है। प्रशासन इस संबंध में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार से भी संपर्क कर रहा है।
छात्रों में है संशय
पीएचडी छात्रों ने आवेदन पत्र जमा करने, संबंधित दस्तावेज एकत्र करने, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से संपर्क करने में दो वर्ष बिताए हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा चुनाव से पहले इन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की थी। फिलहाल सारथी संस्था को ९६९ शोध छात्रों में से ५५८ की अर्धवार्षिक रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। इनमें से लगभग २५० छात्रों की रिपोर्ट का सत्यापन पूरा हो चुका है। राज्य के ७३ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिली है, जिनमें से ५१ विद्यार्थी पुणे संभाग के हैं। हालांकि, अब यह खुलासा हुआ है कि सरकार की ओर से सारथी को कोई फंड नहीं मिला है। इसलिए छात्रों को वजीफा नहीं मिला है। इससे छात्रों में इसे लेकर संशय बना हुआ है कि उन्हें वजीफा मिलेगा भी या नहीं।
दो सालों से वजीफे के लिए कर रहे संघर्ष
इस बारे में जब सारथी के पीएचडी छात्रों से बात की गई तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे पिछले दो सालों से वजीफा मंजूर कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संस्था की कठोर शर्तों को पूरा करते हुए अर्द्धवार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उस समय कहा गया था कि आवेदन सत्यापित होने के आठ दिनों के भीतर वजीफा उपलब्ध हो जाएगा। अब सारथी ने अपने हाथ ऊपर उठा लिए हैं। यह हमारे साथ छल है।