• साठ से अधिक अधिकारियों का ट्रांसफर
• सरकारी वेबसाइट पर दिखाई नहीं दे रही बदली
सामना संवाददाता / मुंबई
राजस्व विभाग में करीब ६० से अधिक अधिकारियों के तबादलों का आदेश सोमवार की रात २ बजे के करीब जारी करने का काम राज्य की ‘ईडी’ सरकार ने गतिमान तरीके से किया है, जिनमें प्रमुख रूप से तहसीलदारों का समावेश है। सरकार के विभिन्न विभागों में ट्रांसफर दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। मंत्रालय में जारी ट्रांसफर के खेल के संदर्भ में कमाल की गोपनीयता बरती जा रही है। मंत्रालय के सभी विभागों में हुए ट्रांसफर की जानकारी महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित करना जरूरी है। परंतु राजस्व विभाग में ट्रांसफर कब हुए, यह सरकार की वेबसाइट पर दिखाई नहीं दे रहा है। ये ट्रांसफर अत्यंत गुप्त तरीके से किए जा रहे हैं। राजस्व विभाग के अधिकारी सोमवार की पूरी रात ट्रांसफर में व्यस्त थे। सोमवार की रात को साठ से अधिक अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए। सुबह तीन से चार बजे तक अधिकारियों के मोबाइल पर ट्रांसफर के आदेश जारी किए जा रहे थे। अन्य विभाग के अधिकारियों के ट्रांसफर दिन में हो रहे हैं, परंतु राजस्व विभाग के ट्रांसफर आदेश आधी रात को जारी किए गए। ऐसे में रात में हुए ट्रांसफर को लेकर शंका व्यक्त की जा रही है।
आठ वर्ष तक एक ही पद पर
राजस्व विभाग में सह सचिव पद पर पिछले आठ साल से एक अधिकारी जमा बैठा है। विभागीय जांच से लेकर क्लीन चिट देने और पदोन्नति देने तक का काम एक ही अधिकारी के पास है। सभी अधिकारियों का तीन साल में ट्रांसफर होता है, परंतु ‘राजस्व बढ़ाने’ के इस सह सचिव को हर वर्ष मुद्दत बढ़ाकर दिए जाने की चर्चा मंत्रालय में जोरों से शुरू है।
पांच लाख से २५ करोड़
राजस्व विभाग में डिप्टी कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर, तहसीलदार जैसे मलाईदार पदों के तबादलों में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की शिकायत है। स्वाभिमानी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने पिछले दिनों ट्रांसफर का रेट कार्ड जारी कर पांच लाख से २५ करोड़ रुपए में ट्रांसफर होने की बात कही थी।