• अधिकारियों ने बरती लापरवाही
• बिजली का मीटर भी कट गया
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
मुंबई-अमदाबाद हाइवे पर स्थित चारोटी इलाके में भाजपा सांसद पूनम महाजन की विकास निधि से तीन एकड़ में उद्यान बनाया गया था, जो ६ साल बाद भी लोगों के लिए ठीक से खोला नहीं जा सका है। वन विभाग के अधिकारियों की कामचोरी और लापरवाही से करोड़ों रुपए के खर्च के बाद भी उद्यान आज उजड़ने की राह पर है। बिजली विभाग ने भी उद्यान का बिल न जमा होने की वजह से कनेक्शन काट दिया है। इससे उद्यान में पेड़-पौधों को पानी नहीं मिल रहा है और अब वे सूखने की कगार पर हैं। उद्यान की बदहाली को लेकर लोगों का आक्रोश चरम पर है।
दहानू के चारोटी इलाके में आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत प्रकृति पर्यटन स्थल के रूप में उद्यान को २०१७ में विकसित किया गया था। इस गार्डन का उद्घाटन भी धूमधाम से किया गया। लेकिन उद्यान के बनने के बाद पिछले छह साल में और लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी यह उद्यान अभी तक लोगों के लिए बंद है और अब धीरे-धीरे उजड़ने की कगार पर है। लोगों का दावा है कि उद्यान के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।
लोग उद्यान को संवारने की कर रहे हैं मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि आस-पास कोई खूबसूरत उद्यान न होने की वजह से वह परिवार और बच्चों को लेकर बाहर घूमने जाते हैं, जिसमें काफी पैसे खर्च होते हैं, जबकि लाखों रुपए खर्च होने के बाद यहां का उद्यान अब उजड़ रहा है। उद्यान की देखरेख की जिम्मेदारी वन विभाग की है।
पिछले पांच वर्षों से यह मांग की जा रही है कि इस उद्यान को संवार कर लोगों के लिए खोला जाए। उद्यान की बदहाली से यहां लगाए गए फल-फूल सहित तमाम पेड़-पौधे सूखने की कगार पर हैं क्योंकि न तो उद्यान में कोई कर्मचारी है, न ही पानी देने की कोई व्यवस्था। बिजली विभाग ने बिल न मिलने की वजह से बिजली कनेक्शन भी काट दिया है। अधिकारियों ने खूबसूरत उद्यान से अपना मुंह मोड़ लिया है, जिससे वह अब वीरान दिखता है। उद्यान में कोई कर्मचारी न होने की वजह से यह अब नशेड़ियों का अड्डा बन गया है।
बता दें कि चारोटी गांव को मुंबई की सांसद पूनम महाजन ने गोद लिया था। इसलिए सांसद निधि से चरोटी नाका पर राजमार्ग के पास वन विभाग की तीन एकड़ भूमि को आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत प्रकृति पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था। इस उद्यान में पेंटिंग, खिलौने, व्यायाम के उपकरण, फूलों के पेड़-पौधों से सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपए की बड़ी राशि का उपयोग किया गया था। लेकिन उद्यान अब लापरवाही और उदासीनता की भेंट चढ़कर उजड़ने की राह पर है।
चारोटी, मुंबई-अमदाबाद और नासिक के बीच का एक मध्यवर्ती स्थान है और यहां से पच्चीस से तीस किलोमीटर के आसपास कोई प्रकृति पर्यटन पार्क नहीं है। इसलिए यहां के लोगों को दहानू बीच वापी सिलवासा गार्डन जाना पड़ता है। ऐसे में यह उद्यान बच्चों के लिए निश्चित रूप से उपयोगी है।
भ्रष्टाचार हुआ
उद्यान को विकसित करने में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इस पर खर्च की गई निधि की जांच की जानी चाहिए और उद्यान के रखरखाव में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर उद्यान को स्थानीय लोगों के लिए जल्द खोला जाना चाहिए।
-जयेश धर्ममेहर, सामाजिक कार्यकर्ता चारोटी
निधि मिली नहीं
उद्यान के लिए शासन से लगातार निधि की मांग की जा रही है लेकिन अब तक मिली नहीं, जिससे उद्यान के रखरखाव में दिक्कतें आ रही हैं।
-सुजय कोली, वन अधिकारी, कासा