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सरकार को किसान नहीं लगते हैं ‘लाडले’! …एक ही योजना पर खर्च हो रहा है सारा फंड …संजय राऊत का सरकार के भेदभाव पर हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
सरकार के पास अन्य बेकार के कामों के लिए पैसे हैं, लेकिन किसान जब मरणासन्न पहुंचता है, तब भी सरकार को यह अहसास नहीं होता है कि वह भी हमारा ‘लाडला’ है। सरकार की कभी भी यह मानसिकता नहीं रही है कि पांच-पच्चीस खोके किसानों के पुनर्वसन और भले के लिए दिया जाए। इसी सोच के चलते एक ही योजना की ओर फंड मोड़ दिया गया है। सरकार के इस भेदभाव पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने जोरदार हमला किया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद संजय राऊत ने सरकार पर हमला बोला। साथ ही युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे के मराठवाड़ा दौरे की घोषणा होते ही नींद से जागे मुख्यमंत्री ने तत्काल आपत्ति प्रबंधन कक्ष शुरू रखने का आदेश दिया। इसकी खबर लेते हुए संजय राऊत ने कहा कि इस समय उनकी पार्टी पर बड़ी आपदा आई है। मालवण में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के साथ दुर्भाग्य से जो घटना घटित हुई है, उसके बाद इस सरकार पर आपदा आई है। इस आपदा से उबरने के लिए उनके पास समय ही नहीं है। वहां भी उनका आपदा प्रबंधन फेल हो गया। संजय राऊत ने कहा कि आदित्य ठाकरे के दौरे की घोषणा होते ही मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की नींद टूट गई और फिर पंचनामा के साथ ही क्षतिपूर्ति देने की प्रक्रिया शुरू हो गई, लेकिन किसानों को पता है कि यह केवल ढोंग है। यह सरकार पिछले ढाई सालों से इसी तरह का ढोंग उनके साथ करते आ रही है। उन्होंने कहा कि जब शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे अथवा आदित्य ठाकरे के दौरों की घोषणा होती है, तब किसानों की उन्हें याद आती है। वास्तव में राज्य के सभी फंड को राजनीतिक कारणों के लिए केवल एक योजना की ओर मोड़े जाने से किसानों पर यह आफत आई है।
क्या कर रहा है राज्य का गृह विभाग
संजय राऊत ने कहा कि शिवराय की प्रतिमा दुर्घटना मामले में आरोपी जयदीप आप्टे अभी भी फरार है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ है। इसका मतलब यह है कि वह पुलिस के हाथ लगा ही नहीं है। फिर राज्य में गृह विभाग और सरकार क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से ये महाशय भागे होंगे, तो सरकार ने ही उसे मदद की है। यदि भागे नहीं होंगे तो उसे छिपने के लिए पिछले कुछ दिनों से गुंडों, अपराधियों का आश्रय स्थल बना मंत्रालय का छठा फ्लोर और वर्षा बंगला बहुत ही सुरक्षित स्थान है। वर्षा के अलावा अपराधियों को आश्रय देने के लिए कौन सा सुरक्षित स्थान हो सकता है। नहीं होगा तो गिरफ्तार करिए।

कहां गया शिवराय की प्रतिमा निर्माण का फंड
संजय राऊत ने कहा कि हमें, हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके फर्जी मामले दर्ज करते हैं, फिर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में इतनी तत्परता क्यों नहीं दिखा रहे हो। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रतिमा महज १० से १५ लाख रुपए में बनी होगी। इसलिए प्रतिमा निर्माण के लिए मंजूर १५ से १६ करोड़ का बजट कहां गया? उन्होंने कहा कि बदलापुर घटना पर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री नहीं बोल रहे हैं। बदलापुर में जिस स्कूल में यह घटना घटी, उस संस्था का प्रमुख आप्टे है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई है। स्कूल का सीसीटीवी फुटेज किसने गायब किया। सिर्फ एक सिपाही को बचाने के लिए अथवा इसके पीछे कोई और रहस्य है। सरकार क्या कर रही है। इस तरह के सवालों की झड़ी भी संजय राऊत ने सरकार पर लगाई।

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