सात दिनों में चिह्नित हुए मलेरिया के
२०९, डेंगू के १,६४४ स्थान
सामना संवाददाता / मुंबई
मानसून जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही मनपा तेजी से काम कर रही है। इसी में जहां एक तरफ गर्मी मुंबईकरों का दम निकाल रहा है, वहीं दूसरी तरफ शहर में बढ़ती मानसूनी बीमारियों के प्रकोप ने लोगों के टेंशन को और बढ़ा दिया है। जानकारी के मुताबिक, मुंबई की झोपड़पट्टियों में डेंगू और मलेरिया ने अपनी पकड़ बना ली है। पिछले सप्ताह कीटनाशक विभाग के निरीक्षण के दौरान २०९ स्थानों पर मलेरिया का एनोफिलीज मच्छर पाया गया, जबकि डेंगू का कारण बननेवाला एडीज के १,६४४ स्थानों को चिह्नित किया गया है। इन स्थानों को मनपा ने नष्ट कर दिया है, साथ ही मच्छर पाए जानेवाले १५० से ज्यादा लोगों को मनपा ने नोटिस जारी है।
उल्लेखनीय है कि मनपा के माध्यम से मानसून पूर्व कार्य तेजी से चल रहे हैं। इसी क्रम में मनपा आयुक्त ने विभिन्न संस्थानों के क्षेत्रों में पानी की टंकियों में मच्छरों की रोकथाम की कार्रवाई १५ मई तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागीय स्तर पर विभिन्न एजेंसियों को सक्रिय रूप से भाग लेने और मनपा के साथ मिलकर मच्छरों के पनपने वाले स्थानों की संयुक्त तलाशी अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले संबंधितों पर सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। इस पृष्ठभूमि में कीट नियंत्रण विभाग मुंबई में डेंगू और मलेरिया के मच्छरों के प्रजनन स्थानों को ढ़ूंढ़कर नष्ट कर रहा है। शहर में चल रहे निरीक्षणों में पहचाने गए महामारी स्थलों में से लगभग ७० प्रतिशत मलिन बस्तियां हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये मच्छर झोपड़पट्टियों में पानी जमा करने के लिए रखे गए ड्रमों में पाए जाते हैं, इसलिए मनपा के कीट नियंत्रण विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे सप्ताह में एक बार ड्रम को जरूर खाली करें और उसे भी साफ करें।
ऐसे रखें ख्याल
मनपा की तरफ से कहा गया है कि दूषित पानी के कारण गैस्ट्रो, टाइफाइड, कालरा, पीलिया जैसी बीमारियां फैलती हैं और मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां कीड़ों के प्रभाव से फैलती हैं, इसलिए इस मानसूनी बीमारी से बचने के लिए मनपा ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों और आस-पास के परिसरों में साफ-सफाई रखें। साथ ही पानी जमा न होने दें और बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें।